दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली:
अफ़सरों की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में भिड़ंत जारी है। इसकी ताजा कड़ी में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी लिखकर LG का आदेश मानने से इनकार कर दिया है। वहीं दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उपराज्यपाल से मिले आदेशों का सीधा पालन न किया जाए, उससे पहले मंत्रियों की अनुमति ली जाए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा गया है कि मुख्य सचिव सहित नौकरशाहों को उपराज्यपाल से कोई संचार या ऐसे किसी निर्देशों पर कार्य करने से पहले मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से विमर्श करना होगा।
आदेश में कहा गया है कि संविधान के मुताबिक हमारी सरकार के रोजमर्रा के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून तथा दिल्ली सरकार के कामकाज संबंधी नियम के तहत यह आदेश जारी किया जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि माननीय उपराज्यपाल या उनके कार्यालय से मुख्य सचिव या किसी प्रशासनिक सचिव को लिखित या मौखिक रूप में मिले निर्देश या आदेश को प्रशासनिक सचिव: मुख्य सचिव पहले प्रभारी मंत्री एवं मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। दिल्ली सरकार के शीर्ष नौकरशाहों की नियुक्तियों पर केजरीवाल और जंग के बीच गहराते संघर्ष के बीच यह आदेश आया है।
इससे पहले केजरीवाल ने मामले को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक ले जाने का फैसला किया। उपराज्यपाल नजीब जंग ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा सोमवार को प्रधान सचिव (सेवा) के रूप में राजेंद्र कुमार की नियुक्ति को मंजूरी न दिए जाने का हवाला देते हुए खारिज कर दिया।
वहीं, आप सरकार ने कहा कि वे इसपर ध्यान नहीं देंगे और इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग करेंगे। जंग की चिट्ठी के बारे में सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'हमें आज (सोमवार) आपका खत मिला। आपने जो भी लिखा है, वह संविधान के खिलाफ है और इसलिए हम इसपर ध्यान नहीं देंगे। हमारे मुख्यमंत्री (केजरीवाल) प्रधानमंत्री को इस बारे में लिखेंगे।'
इसी बीच, केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने के लिए वक्त मांगा, जो मिल गया। वह राष्ट्रपति से गुरुवार शाम छह बजे मुलाकात करेंगे और मुद्दे से अवगत कराएंगे।
दिल्ली सरकार ने अनिंदो मजूमदार को हटाकर उनकी जगह राजेंद्र कुमार को प्रधान सचिव (सेवा) बनाया था। इससे पहले, मजूमदार को दिल्ली सचिवालय के कार्यालय में घुसने पर रोक लगा दी गई थी। उन्होंने शकुंतला गामलिन के कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया था।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'राजेंद्र कुमार को दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (सेवा) का कार्यभार सौंपा गया है।' इस पर दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा, जिसमें मजूमदार की जगह राजेंद्र की नियुक्ति को अवैध ठहराया। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में जंग ने कहा कि उन्होंने राजेंद्र कुमार की नियुक्ति को खारिज कर दिया है, क्योंकि इस बारे में उनसे मंजूरी नहीं ली गई थी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें उपराज्यपाल का पत्र मिला। सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'माननीय एलजी का पत्र 2.35 बजे मिला।' दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'चिट्ठी का जवाब तैयार किया जा रहा है और उसे उपराज्यपाल को भेजा जाएगा।'
उधर, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, 'इस तरह का विवाद सुशासन के लिए अच्छा नहीं है। जंग तथा केजरीवाल के बीच टकराव से नौकरशाह वर्ग हतोत्साहित हुआ है।' टकराव की शुरुआत 15 मई को उस वक्त हुई, जब गामलिन की नियुक्ति कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर की गई। मुख्यमंत्री ने उनपर बिजली वितरण कंपनियों के लिए लॉबिंग करने का आरोप लगाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गामलिन को दिल्ली के कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति को लेकर रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह उनकी सरकार को नाकाम करने की साजिश है।
(इनपुट एजेंसी से...)
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा गया है कि मुख्य सचिव सहित नौकरशाहों को उपराज्यपाल से कोई संचार या ऐसे किसी निर्देशों पर कार्य करने से पहले मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से विमर्श करना होगा।
आदेश में कहा गया है कि संविधान के मुताबिक हमारी सरकार के रोजमर्रा के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून तथा दिल्ली सरकार के कामकाज संबंधी नियम के तहत यह आदेश जारी किया जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि माननीय उपराज्यपाल या उनके कार्यालय से मुख्य सचिव या किसी प्रशासनिक सचिव को लिखित या मौखिक रूप में मिले निर्देश या आदेश को प्रशासनिक सचिव: मुख्य सचिव पहले प्रभारी मंत्री एवं मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। दिल्ली सरकार के शीर्ष नौकरशाहों की नियुक्तियों पर केजरीवाल और जंग के बीच गहराते संघर्ष के बीच यह आदेश आया है।
इससे पहले केजरीवाल ने मामले को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक ले जाने का फैसला किया। उपराज्यपाल नजीब जंग ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा सोमवार को प्रधान सचिव (सेवा) के रूप में राजेंद्र कुमार की नियुक्ति को मंजूरी न दिए जाने का हवाला देते हुए खारिज कर दिया।
वहीं, आप सरकार ने कहा कि वे इसपर ध्यान नहीं देंगे और इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग करेंगे। जंग की चिट्ठी के बारे में सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'हमें आज (सोमवार) आपका खत मिला। आपने जो भी लिखा है, वह संविधान के खिलाफ है और इसलिए हम इसपर ध्यान नहीं देंगे। हमारे मुख्यमंत्री (केजरीवाल) प्रधानमंत्री को इस बारे में लिखेंगे।'
इसी बीच, केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने के लिए वक्त मांगा, जो मिल गया। वह राष्ट्रपति से गुरुवार शाम छह बजे मुलाकात करेंगे और मुद्दे से अवगत कराएंगे।
दिल्ली सरकार ने अनिंदो मजूमदार को हटाकर उनकी जगह राजेंद्र कुमार को प्रधान सचिव (सेवा) बनाया था। इससे पहले, मजूमदार को दिल्ली सचिवालय के कार्यालय में घुसने पर रोक लगा दी गई थी। उन्होंने शकुंतला गामलिन के कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया था।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'राजेंद्र कुमार को दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (सेवा) का कार्यभार सौंपा गया है।' इस पर दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा, जिसमें मजूमदार की जगह राजेंद्र की नियुक्ति को अवैध ठहराया। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में जंग ने कहा कि उन्होंने राजेंद्र कुमार की नियुक्ति को खारिज कर दिया है, क्योंकि इस बारे में उनसे मंजूरी नहीं ली गई थी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें उपराज्यपाल का पत्र मिला। सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'माननीय एलजी का पत्र 2.35 बजे मिला।' दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'चिट्ठी का जवाब तैयार किया जा रहा है और उसे उपराज्यपाल को भेजा जाएगा।'
उधर, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, 'इस तरह का विवाद सुशासन के लिए अच्छा नहीं है। जंग तथा केजरीवाल के बीच टकराव से नौकरशाह वर्ग हतोत्साहित हुआ है।' टकराव की शुरुआत 15 मई को उस वक्त हुई, जब गामलिन की नियुक्ति कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर की गई। मुख्यमंत्री ने उनपर बिजली वितरण कंपनियों के लिए लॉबिंग करने का आरोप लगाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गामलिन को दिल्ली के कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति को लेकर रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह उनकी सरकार को नाकाम करने की साजिश है।
(इनपुट एजेंसी से...)
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