आयरलैंड में पीएम मोदी
न्यूयॉर्क:
पिछले 10 सालों में अपनी तरह के पहले प्रयास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र की आम सभा की बैठक से पहले खास बैठक करने जा रहे हैं ताकि सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी को पुख्ता किया जा सके। बता दें कि अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक आयोजित होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को आयरलैंड पहुंच गए जहां से वे छह दिनों की अमेरिका यात्रा पर रहेंगे।
मर्केल, आबे से करेंगे मुलाकात
शनिवार की सुबह, वेस्ट कोस्ट जाने से पूर्व पीएम मोदी जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, जिन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिला के रूप में जाना जाता है, और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे तथा ब्राजील के राष्ट्रपति दिलमा राउसेफ के साथ वालडोर्फ होटल में एक विशेष बैठक करेंगे। इस बैठक को जी-4 देशों की बैठक कहा जा रहा है और ये सभी देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य होने के लिए प्रयासरत हैं और सभी एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं।
बदलाव के लिए प्रस्ताव पारित
उल्लेखनीय है कि पिछले ही हफ्ते संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसे भारत सहित कुछ देश लाए थे, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र में बदलाव और सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर बात हुई थी।
विदेश मंत्रियों की जगल राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात
इससे पहले इस प्रकार की बैठक में जी-4 देशों के विदेश मंत्री ही हिस्सा लिया करते थे। पीएम मोदी ने इस बार इस प्रथा को बदलने के प्रयास के तहत पहले जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से बात की और राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात शुरू करवाई।
भारतीय राजनयिकों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान के विरोध को हाल के मसौदे में दरकिनार कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मसले में अमेरिका की भूमिका से भारत को निराशा हुई है। अमेरिका ने सैन फैंसिस्को की उस बैठक में भी शिरकत नहीं की जो संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने पर आयोजित की गई थी।
एनडीटीवी से बात करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने कहा कि भारत सिर्फ यही चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र और अधिक लोकतांत्रिक ढंग से काम करे।
मर्केल, आबे से करेंगे मुलाकात
शनिवार की सुबह, वेस्ट कोस्ट जाने से पूर्व पीएम मोदी जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, जिन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिला के रूप में जाना जाता है, और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे तथा ब्राजील के राष्ट्रपति दिलमा राउसेफ के साथ वालडोर्फ होटल में एक विशेष बैठक करेंगे। इस बैठक को जी-4 देशों की बैठक कहा जा रहा है और ये सभी देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य होने के लिए प्रयासरत हैं और सभी एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं।
बदलाव के लिए प्रस्ताव पारित
उल्लेखनीय है कि पिछले ही हफ्ते संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसे भारत सहित कुछ देश लाए थे, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र में बदलाव और सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर बात हुई थी।
विदेश मंत्रियों की जगल राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात
इससे पहले इस प्रकार की बैठक में जी-4 देशों के विदेश मंत्री ही हिस्सा लिया करते थे। पीएम मोदी ने इस बार इस प्रथा को बदलने के प्रयास के तहत पहले जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से बात की और राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात शुरू करवाई।
भारतीय राजनयिकों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान के विरोध को हाल के मसौदे में दरकिनार कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मसले में अमेरिका की भूमिका से भारत को निराशा हुई है। अमेरिका ने सैन फैंसिस्को की उस बैठक में भी शिरकत नहीं की जो संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने पर आयोजित की गई थी।
एनडीटीवी से बात करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने कहा कि भारत सिर्फ यही चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र और अधिक लोकतांत्रिक ढंग से काम करे।
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