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This Article is From Sep 02, 2016

ओडिशा : एक और शख्‍स बेटी का शव लिए 6 किलोमीटर तक पैदल चलने को हुआ मजबूर

ओडिशा : एक और शख्‍स बेटी का शव लिए 6 किलोमीटर तक पैदल चलने को हुआ मजबूर
बेटी का शव गोद में लिए कई किलोमीटर चलने को मजबूर परिवार
मलकानगिरी: कालाहांडी में दाना मांझी के मामले को बीते अभी एक हफ्ता ही हुआ है कि ओडिशा में एक और शख्‍स को अपनी सात साल की बेटी का शव लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा क्‍योंकि जिस एंबुलेंस में वह सवार थे उसने कथित रूप से उन्‍हें बीच रास्‍ते में ही उतार दिया.

एंबुलेंस के ड्राइवर को जब यह पता चला चला कि मलकानगिरी जिला अस्‍पताल जाने के रास्‍ते में ही लड़की की मौत हो गई है तो उसने कथित रूप से उसके माता-पिता को रास्‍ते में ही उतर जाने को कहा.

मलकानगिरी के घुसापल्‍ली की रहने वाली बरसा खेमुडू की मौत तब हो गई जब उसके माता-पिता उसे मिथाली अस्‍पताल से एंबुलेंस के जरिए मलकानगिरी जिला अस्‍पताल ले जा रहे थे. बरसा की हालत खराब होने के बाद उसे मिथाली अस्‍पताल से जिला अस्‍पताल रेफर किया गया था.

लड़की के पिता दीनाबंधु खेमुडू ने बताया, 'जैसे ही ड्राइवर को पता चला कि हमारी बेटी की मौत रास्‍ते में ही हो गई है, उसने हमसे एंबुलेंस से उतर जाने को कहा.'

मामला तब प्रकाश में आया जब स्‍थानीय लोगों ने खेमुडू और उसकी पत्‍नी को बेटी का शव लेकर पैदल चलते देखा और उसके बारे में पूछा. इसके बाद गांव वालों ने स्‍थानीय बीडीओ और चिकित्‍सा अधिकारियों से संपर्क किया तब जाकर दूसरी गाड़ी का इंतजाम हो पाया.

हालांकि मलकानगिरी के जिला कलेक्‍टर के सुदर्शन चक्रवर्ती ने मुख्‍य जिला चिकित्‍सा अधिकारी (सीडीएमओ) उदय शंकर मिश्रा को मामले की जांच करने को कहा है. सीडीएमओ ने मलकानगिरी पुलिस थाने में ड्राइवर के साथ ही एंबुलेंस में मौजूद फार्मासिस्‍ट और अटेंडेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

चक्रवर्ती ने पत्रकारों से कहा, यह पूरी तरह से गैरकानूनी है और ड्राइवर की तरफ से आपराधिक लापरवाही की गई है. मामले में जिम्‍मेदार लोगों के खिलाफ सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्‍होंने कहा कि जिला प्रशासन ने लड़की के माता-पिता को तत्‍काल वित्तीय सहायता मुहैया कराई है.

जब सीडीएमओ उदय मिश्रा से संपर्क किया गया तो उन्‍होंने इस कृत्‍य को 'अमानवीय' करार देते हुए कहा, 'जैसे ही मुझे घटना का पता चला, मैंने तुरंत ही दूसरी गाड़ी भेजी जिसने लड़की के परिवार वालों को उनके गांव पहुंचाया.

कालाहांडी जिले के भवानीपटना के निवासी दाना मांझी को 24 अगस्‍त को अपनी पत्‍नी का शव कंधे पर उठाए 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा था क्‍योंकि कालाहांडी जिला अस्‍पताल की तरफ से कथित रूप से शव वाहन देने से इनकार कर दिया गया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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