
भोपाल:
मध्यप्रदेश में राशन कार्डधारी परिवारों को एक रुपये प्रतिकिलो की दर से 25 किलो प्याज मुहैया कराया जाएगा. मई में प्याज की कीमतें बहुत ज्यादा गिर गई थीं और किसानों को अपना प्याज थोक विक्रेताओं को 50 पैसे किलो बेचना पड़ रहा था. उस समय राज्य की बीजेपी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए राज्यभर में खरीद केंद्र खोलकर उनसे 6 रुपये प्रतिकिलो समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी. करीब महीनेभर तक चली इस कवायद में सरकार ने 10.4 लाख क्विंटल प्याज किसानों से खरीद डाली.
हालांकि बारिश और अपर्याप्त भंडारण सुविधाओं की वजह से 3.8 लाख क्विंटल प्याज सड़ गया. आखिरकार अब सरकार ने बाकी बचे प्याज के सही उपयोग के लिए रास्ता निकाला है और इसे राशन की दुकानों के जरिए आम लोगों को 1 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाएगा.
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के महाप्रबंधक (खरीद) योगेश जोशी ने एनडीटीवी से कहा, 'भंडारणगृहों में प्याज सड़ रहा है. मध्यप्रदेश में कुछ ही गिने-चुने भंडारगृह हैं, जिनमें सही तरीके से प्याज को रखा जा सकता है. बारिश ने हालात को और भी बुरा बना दिया. सरकार ने अब फैसला किया है कि बाकी प्याज राशन की दुकानों के जरिए मुफ्त बांटा जाएगा. हम ग्राहकों से सिर्फ परिवहन लागत के तौर पर एक रुपये प्रतिकिलो वसूल रहे हैं. इससे निश्चित तौर पर सरकारी खजाने को 80-90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.'

जहां इस फैसले से उपभोक्ता आनंद ले सकते हैं. वहीं सरकार अब उन किसानों को समस्या से निकालने की तरफ ध्यान लगा सकती है जिनके खेतों में प्याज की फसल तैयार है. सब्जी विक्रेता सुरेश राइकवार कहते हैं, 'अगर सरकार एक रुपये किलो प्याज बेचेगी तो हमारी बिक्री भी गिरेगी. इसलिए हम थोक विक्रेता से कम प्याज खरीदेंगे. अगर यही प्रक्रिया लंबे समय तक चली तो मांग कम होने के कारण किसानों को एक बार फिर से थोक विक्रेताओं को अपनी प्याज औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ेगी.'
हालांकि बारिश और अपर्याप्त भंडारण सुविधाओं की वजह से 3.8 लाख क्विंटल प्याज सड़ गया. आखिरकार अब सरकार ने बाकी बचे प्याज के सही उपयोग के लिए रास्ता निकाला है और इसे राशन की दुकानों के जरिए आम लोगों को 1 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाएगा.
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के महाप्रबंधक (खरीद) योगेश जोशी ने एनडीटीवी से कहा, 'भंडारणगृहों में प्याज सड़ रहा है. मध्यप्रदेश में कुछ ही गिने-चुने भंडारगृह हैं, जिनमें सही तरीके से प्याज को रखा जा सकता है. बारिश ने हालात को और भी बुरा बना दिया. सरकार ने अब फैसला किया है कि बाकी प्याज राशन की दुकानों के जरिए मुफ्त बांटा जाएगा. हम ग्राहकों से सिर्फ परिवहन लागत के तौर पर एक रुपये प्रतिकिलो वसूल रहे हैं. इससे निश्चित तौर पर सरकारी खजाने को 80-90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.'

जहां इस फैसले से उपभोक्ता आनंद ले सकते हैं. वहीं सरकार अब उन किसानों को समस्या से निकालने की तरफ ध्यान लगा सकती है जिनके खेतों में प्याज की फसल तैयार है. सब्जी विक्रेता सुरेश राइकवार कहते हैं, 'अगर सरकार एक रुपये किलो प्याज बेचेगी तो हमारी बिक्री भी गिरेगी. इसलिए हम थोक विक्रेता से कम प्याज खरीदेंगे. अगर यही प्रक्रिया लंबे समय तक चली तो मांग कम होने के कारण किसानों को एक बार फिर से थोक विक्रेताओं को अपनी प्याज औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ेगी.'
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