ओडिशा के कालाहांडी जिले में कंधे पर पत्नी का शव ले जाते दाना मांझी. फाइल तस्वीर
गुवाहाटी:
ओडिशा के कालाहांडी जिले में पत्नी का शव कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर तक चलने वाले दाना मांझी की तस्वीर ने पूरी दुनिया की नजरें अपनी ओर खींची थी. अब असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के विधानसभा क्षेत्र मजुली में ऐसी ही घटना सामने आई है. असम के अखबारों में प्रकाशित तस्वीर में दिख रहा है कि एक शख्स अपने 18 वर्षीय भाई का शव साइकिल से ले जा रहा है. बताया जा रहा है कि गांव की सड़क इतनी खराब है कि कोई भी गाड़ी वाला उसके भाई के शव को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ. आखिरकार उसने भाई के शव को कपड़ों में लपेटकर साइकिल पर रख लिया और उसे लेकर निकल पड़ा. एक स्थानीय न्यूज चैनल पर तस्वीर आने के बाद मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही राज्य के उच्च पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारियों को मौके पर पहुंचने का आदेश दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मरने वाला युवक लखीमपुर जिले के बालिजान गांव का रहने वाला था. इस गांव से अस्पताल की दूरी करीब आठ किलोमीटर है।
मृतक के भाई ने कहा कि मंगलवार को अस्पताल में उसके भाई की मौत हो गई थी. इसके बाद वह वहां से अपने भाई का शव साइकिल में बांधकर गांव के लिए निकल पड़ा था.
इस मामले में मजुली के डिप्टी कमिश्नर पीजी झा ने बताया कि युवक की मौत गारामुर सिविल अस्पताल में हुई है. इस घटना पर कहा कि मृतक के गांव बालीजान में जाने के लिए ऐसी सड़क नहीं है कि वहां गाड़ी ले जाया जा सके. इस गांव में जाने के लिए बांस के अस्थायी पुल से भी गुजरना होता है.
सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराए गए युवक को श्वास लेने में तकलीफ थी. उसके मौत की वजह भी यही बताई गई है. गारामुर सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट माणिक का कहना है कि मरने वाले युवक को बेहद गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था. काफी प्रयास के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका.
डॉक्टर ने शव को ले जाने के लिए वाहन मुहैया कराने का आदेश दिया था, लेकिन परिजन खुद ही शव हो लेकर अस्पताल से चले गए.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मरने वाला युवक लखीमपुर जिले के बालिजान गांव का रहने वाला था. इस गांव से अस्पताल की दूरी करीब आठ किलोमीटर है।
मृतक के भाई ने कहा कि मंगलवार को अस्पताल में उसके भाई की मौत हो गई थी. इसके बाद वह वहां से अपने भाई का शव साइकिल में बांधकर गांव के लिए निकल पड़ा था.
इस मामले में मजुली के डिप्टी कमिश्नर पीजी झा ने बताया कि युवक की मौत गारामुर सिविल अस्पताल में हुई है. इस घटना पर कहा कि मृतक के गांव बालीजान में जाने के लिए ऐसी सड़क नहीं है कि वहां गाड़ी ले जाया जा सके. इस गांव में जाने के लिए बांस के अस्थायी पुल से भी गुजरना होता है.
सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराए गए युवक को श्वास लेने में तकलीफ थी. उसके मौत की वजह भी यही बताई गई है. गारामुर सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट माणिक का कहना है कि मरने वाले युवक को बेहद गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था. काफी प्रयास के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका.
डॉक्टर ने शव को ले जाने के लिए वाहन मुहैया कराने का आदेश दिया था, लेकिन परिजन खुद ही शव हो लेकर अस्पताल से चले गए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं