
प्रतीकात्मक फोटो
कोलकाता:
शहर और इसके बाहरी इलाकों में अवैध डांस बारों की बढ़ती संख्या पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों की महिलाओं को बार डांस की ओर और अंतत: देह व्यापार में धकेलने में एक बड़ी भूमिका निभा रही है। यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले चार से पांच साल में भू-माफियाओं और प्रमोटरों के बीच की साठ-गांठ के चलते अवैध डांस बारों की संख्या में वृद्धि हुई है।
अधिकारी ने कहा, प्रमोटर सस्ती दरों पर भू-माफियाओं से जमीनें खरीद रहे हैं और इस पर वे बारों के लिए इमारतें बना लेते हैं। एक दफा बार बन जाए तो फिर प्रमोटरों को मुनाफे का कुछ हिस्सा इन भू-माफियाओं को देना पड़ता है। ये प्रमोटर उन ग्राहकों से पैसा काटते हैं, जो बार बालाओं के साथ अंतरंग समय बिताने के लिए भुगतान करते हैं।’’ जो लड़कियां गायिकी भी करती हैं, उन्हें भी मुनाफे का कुछ हिस्सा दिया जाता है।
जब उनसे रैकेट में शामिल लड़कियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे बार में गायिका और नर्तकी की भूमिका निभाती हैं। बार को ग्राहक तभी से मिलने शुरू हुए हैं, जब से इन्होंने नाचना शुरू किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इन लड़कियों को दरअसल इस पेशे में जबरन धकेला जाता है। इन्हें पहले डांस समूहों में नौकरी का प्रलोभन दिया जाता है।’’ अवैध डांस बारों के प्रसार की बात उस समय सामने आई, जब स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद वेश्यावृत्ति के गिरोहों का पर्दाफाश करने के लिए शहर के भीतर और आसपास पुलिस द्वारा छापेमारी की गई।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले चार से पांच साल में भू-माफियाओं और प्रमोटरों के बीच की साठ-गांठ के चलते अवैध डांस बारों की संख्या में वृद्धि हुई है।
अधिकारी ने कहा, प्रमोटर सस्ती दरों पर भू-माफियाओं से जमीनें खरीद रहे हैं और इस पर वे बारों के लिए इमारतें बना लेते हैं। एक दफा बार बन जाए तो फिर प्रमोटरों को मुनाफे का कुछ हिस्सा इन भू-माफियाओं को देना पड़ता है। ये प्रमोटर उन ग्राहकों से पैसा काटते हैं, जो बार बालाओं के साथ अंतरंग समय बिताने के लिए भुगतान करते हैं।’’ जो लड़कियां गायिकी भी करती हैं, उन्हें भी मुनाफे का कुछ हिस्सा दिया जाता है।
जब उनसे रैकेट में शामिल लड़कियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे बार में गायिका और नर्तकी की भूमिका निभाती हैं। बार को ग्राहक तभी से मिलने शुरू हुए हैं, जब से इन्होंने नाचना शुरू किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इन लड़कियों को दरअसल इस पेशे में जबरन धकेला जाता है। इन्हें पहले डांस समूहों में नौकरी का प्रलोभन दिया जाता है।’’ अवैध डांस बारों के प्रसार की बात उस समय सामने आई, जब स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद वेश्यावृत्ति के गिरोहों का पर्दाफाश करने के लिए शहर के भीतर और आसपास पुलिस द्वारा छापेमारी की गई।
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