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This Article is From Nov 24, 2015

पिछड़ों की आबादी 54 प्रतिशत, लेकिन 8 प्रतिशत वाले कर रहे शासन : मुलायम सिंह यादव

पिछड़ों की आबादी 54 प्रतिशत, लेकिन 8 प्रतिशत वाले कर रहे शासन  : मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुख्यत: दलित वोट बैंक की राजनीति करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को गरीबों और पिछड़ों की विरोधी करार देते हुए कहा कि बसपा और कांग्रेस को अति पिछड़ों का हक छीनने का खामियाजा सत्ता से बेदखल होकर चुकाना पड़ा और अगर केन्द्र की मौजूदा सरकार ने भी वही रवैया अपनाया तो उसका भी हश्र बुरा होगा।

पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन
यादव ने पार्टी राज्य मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘हमने 17 पिछड़ी जातियों को पूर्व में दलितों के समान जो सुविधाएं दी थीं उसे मायावती ने मुख्यमंत्री बनते ही खत्म कर दिया। हमने दिल्ली में सवाल उठाया तो दिल्ली की सरकार ने भी उसी का समर्थन किया।’’ उन्होंने कहा ‘‘बसपा की नेता खुद को दलित की बेटी बताती है लेकिन वह धनवानों का काम करती है, बड़े लोगों का काम करती है। वह आपके खिलाफ खड़े होकर बोली। यह नहीं होना चाहिये था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उसकी बात मान ली। हमने समझाया भी लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के लिए उसे साथ रखना है। वह उसी को खुश करने में लगे रहे। अब भाजपा सरकार भी वही कर रही है।’’

सत्ता से बेदखल हुई बीएसपी कांग्रेस
सपा मुखिया ने आगाह किया कि बसपा और कांग्रेस ने अति पिछड़ों का हक छीना तो जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार ने भी अगर वहीं रवैया अपनाया तो उसका भी हश्र बुरा होगा। अब पिछड़ों का हक कोई भी नहीं छीन पाएगा।

पिछड़ों की आबादी 54 प्रतिशत आठ प्रतिशत वाले कर रहे शासन
उन्होंने कहा कि आज देश में पिछड़ों की आबादी 54 प्रतिशत है लेकिन आठ प्रतिशत संख्या बल रखने वाले लोग शासन कर रहे हैं। ऐसे में पिछड़ों में राजनीतिक जागरूकता आना बहुत जरूरी है। बसपा, कांग्रेस और भाजपा ने तो उनसे छल किया है। पिछड़े अपनी ताकत को समझें और वादा पूरा करने वाली सपा को चुनावों में भारी मतों से जिताएं।

हम 17 पिछड़ी जातियों के लिये लड़ रहे हैं
सपा मुखिया ने कहा ‘‘हम 17 पिछड़ी जातियों के लिये लड़ रहे हैं। हम ये लड़ाई आगे भी लड़ेंगे और प्रधानमंत्री जी से भी बात करेंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश से कहेंगे कि कोई रास्ता निकालो। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में बात करेंगे। वकीलों को भी खड़ा करेंगे। दिल्ली में भी लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन दलित का दर्जा आपको दिलाना पड़ेगा, तभी आपकी तरक्की होगी।’’

गौरतलब है कि वर्ष 2005 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने राजभर, निषाद, प्रजापति, मल्लाह, कहार, कश्यप, कुम्हार, धीमर, बिंद, भर, केवट, धीवर, बाथम, मछुवा, मांझी, तुरहा तथा गौड़ समेत 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करते हुए केन्द्र सरकार को इस सम्बन्ध में लिखा था। वर्ष 2007 में सत्ता में आयी मायावती सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया था।

केन्द्र को भेजा गया प्रस्ताव
वर्ष 2012 में प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार बनने पर मंत्रिपरिषद से इस सिलसिले में फिर से प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र को भेजा गया था लेकिन उसे अभी मंजूरी नहीं दी गई है।

डॉ लोहिया का सपना पूरा हुआ
सपा मुखिया ने कहा, ‘‘आज देश के सामने बड़ी समस्याएं खड़ी हैं। राज्य के विकास के लिये सपा मजबूती से जुट गयी है, इसलिये लोगों को परेशानी हुई। हम यही चाहते हैं कि उन्हें परेशानी हो, ताकि चीजें सुधर जाएं।’’ प्रदेश की सपा सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा ‘‘आज अगर डाक्टर राम मनोहर लोहिया होते तो हमें आशीर्वाद देते कि हमारा सपना पूरा हुआ। सपा की कथनी और करनी में कोई भेद नहीं है, जो कहा वह करके दिखाया।’’

जन्मदिन मनाया गया, तो उनको परेशानी क्यों हो रही है
सपा मुखिया ने किसी का नाम लिये बिना और संदर्भ स्पष्ट किए बगैर कहा ‘‘आज वह संवैधानिक और महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं। मैं भी बहुत छोटे और गरीब परिवार से निकला हूं। उन्होंने हमारे बारे में भी टिप्पणी कर दी। सैफई में हमारा जन्मदिन मनाया गया, तो उनको परेशानी क्यों हो रही है।’’

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