मतदान से एक दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में CRPF की पेट्रोलिंग टीम पर हमला, IED ब्लास्ट की चपेट में आए कई जवान

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के लिए होने वाले मतदान से एक दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली (IED Blast In GadChiroli) में CRPF की पेट्रोलिंग टीम पर नक्सलियों ने हमला (Naxal Attack) किया है.

मतदान से एक दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में CRPF की पेट्रोलिंग टीम पर हमला, IED ब्लास्ट की चपेट में आए कई जवान

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • महाराष्ट्र: गढ़चिरौली में IED ब्लास्ट
  • CRPF जवानों को निशाना बनाया गया
  • एक जवान के घायल होने की ख़बर
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के लिए होने वाले मतदान से एक दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली (IED Blast In GadChiroli) में CRPF की पेट्रोलिंग टीम पर नक्सलियों ने हमला (Naxal Attack) किया है. नक्सलियों द्वारा CRPF की पेट्रोलिंग टीम पर किए गए IED ब्लास्ट की चपेट में कई जवान आए हैं. इनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है. जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद से वहां से निकाला जा रहा है. सभी घायल जवानों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है.

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बता दें कि एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) में नक्सलियों (Naxal Attack) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के MLA भीमा मंडावी (Bheema Mandavi) के काफिले पर हमला (BJP Convoy Attacked) किया था. हमले में बीजेपी एमएलए भीमा मंडावी (Bheema Mandavi News) समेत 5 की मौत हो गई थी. नक्सलियों ने दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के श्यामगिरी के पास कुआकुंडा में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर हमले को अंजाम दिया था. बता दें कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली दोनों जगहों पर पहले चरण में ही चुनाव होने हैं.

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छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया था कि स्थानीय पुलिस ने भीमा मंडावी को उस रूट पर (Naxal Attack in Dantewada) न जाने की सलाह दी थी.लेकिन बछेली में सभा को संबोधित करने के बाद थोड़ी दूर पर लगे हाट में लोगों से मिलने का मोह वह छोड़ नहीं पाए. और इसी वजह से उन्होंने पुलिस की सलाह के बाद भी उस इलाके में जाने का फैसला किया. 

आईडी ब्लास्ट से सड़क पर 4 फीट गहरा गढ्ढा
सूत्र बताते हैं कि जिस समय यह हमला हुआ वह वक्त नक्सलियों के लिए टीसीओसी यानी टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन का होता है. इस समय फसल कटने के बाद नक्सली जबरन गांववालों को सरकार के खिलाफ भड़काकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते हैं. यही वजह  है कि बस्तर में हुए आज तक ज्यादातर नक्सली हमले दिसंबर से मार्च के बीच में ही हुए हैं. एनडीटीवी की टीम ने जब घटनास्थल का दौरा किया तो उन्हें सड़क के बीचोंबीच चार फीट गहरा गड्ढा मिला. इससे यह साफ है कि नक्सलियों ने इस धमाके की तैयारी काफी पहले से ही करके रखी थी. 

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