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This Article is From Sep 05, 2020

कोरोनावायरस टेस्टिंग को लेकर ICMR ने राज्यों के लिए जारी की नई एडवाइजरी

टेस्ट की कमी के चलते किसी भी गर्भवती महिला को (प्रसव सहित) आपातकाल प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए. टेस्टिंग की कमी होने के कारण गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाना चाहिए. 

कोरोनावायरस टेस्टिंग को लेकर ICMR ने राज्यों के लिए जारी की नई एडवाइजरी
नई दिल्ली:

कंटोनमेंट ज़ोन में रहने वाले सभी लोगों को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग (RAT) किट का उपयोग करके परीक्षण किया जाना चाहिए, खासकर उन शहरों में जो कोरोनोवायरस के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित होते हैं. देश के शीर्ष चिकित्सा निकाय इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने जारी किए अपने नए दिशानिर्देशों में इस पर जोर दिया है.  आईसीएमआर ने इसकी भी सिफारिश की है कि अन्य देशों की यात्रा करने के लिए टेस्टिंग ऑन डिमांड और भारतीय राज्यों की यात्रा करने के संबंध में प्रवेश के लिए यात्रियों को नेगिटिव टेस्ट करवाना अनिवार्य किया जाना चाहिए. ताजा सलाह के अनुसार इसमें यह भी कहा गया कि राज्य चाहे तो इस दृष्टिकोण को संशोधित करने के लिए अपने विवेक का उपयोग कर सकते हैं.

आईसीएमआर की गाइलाइंस 'एडवाइजरी ऑन कोविड-19 स्ट्रैट्जी इन इंडिया' के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति में रैपिड एंटिजन टेस्ट (RAT) के नेगिटिव आने के बाद कुछ लक्षण मिलते हैं तो उसका RT-PCR टेस्ट किया जाना चाहिए.ताजा अपडेट के मुताबिक भारत कोरोनावायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है. भारत में 40 लाख से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. 

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इन दिशानिर्देशों लिखा है कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले 100 प्रतिशत लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाना चाहिए. खासतौर से उन शहरों में जहां पर कोरोनावायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा फैला है.  टेस्ट की कमी के चलते किसी भी गर्भवती महिला को (प्रसव सहित) आपातकाल प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए. टेस्टिंग की कमी होने के कारण गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाना चाहिए. 

आपको बता दें कि आईसीएमआर भारत में चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और संवर्धन के लिए शीर्ष निकाय हैं. जो कि दुनिया के सबसे पुराने मेडिकल रिसर्च निकायों में से एक है.

नई एडवाइजरी में, ICMR ने परीक्षण के तरीकों को पुष्ट करने के उपायों को भी सूचीबद्ध किया है. ICMR दिशानिर्देश कहते हैं, 'कंटेनमेंट जोन की नियमित निगरानी के लिए एंटीजन टेस्ट किया जाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. नॉन कंटेनमेंट जोन के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. '

दिशानिर्देशों के मुख्य अंश के मुताबिक ''अस्पताल की सेटिंग्स के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण पहली प्राथमिकता होनी चाहिए."मांग पर परीक्षण" के लिए, राज्य सरकारें तौर-तरीके तय कर सकती हैं.'' भारत में 68,000 से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं.

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