नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा एक बार फिर सामने आया और बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि वह अब भी सोनिया के प्रधानमंत्री बनने के विचार के खिलाफ हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि सुषमा 2004 के अपने प्रण को लेकर अब भी खेद जताने के पक्ष में नहीं है कि सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर वह अपना सिर मुंड़ा लेगी।
सुषमा ने गुरुवार को एक पुस्तक अनावरण कार्यक्रम में कहा, मैंने हमेशा कहा है कि सोनिया गांधी हमारे देश में इंदिरा गांधी की पुत्रवधू और राजीव गांधी की पत्नी के रूप में आई थीं और इस प्रकार वह हमारे प्यार और स्नेह की हकदार हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वह हमारे सम्मान की हकदार हैं, लेकिन अगर वह प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं, तो मैं नहीं कहूंगी।
वह कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के उस परोक्ष हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं कि उन्होंने (सुषमा) 2004 में एनडीए की हार के बाद सिर मुंडाने की धमकी क्यों दी थी, जब सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने की बात चल रही थी।
लोकसभा में विपक्ष की नेता ने कहा कि देश 150 साल से अधिक समय तक विदेशी शासन के अधीन रहा था और आजादी के लिए कई लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा, अगर 60 साल की आजादी के बाद, हम किसी विदेशी को शीर्ष पद पर बिठाते हैं, तो इसका मतलब यह होगा कि 100 करोड़ लोग अक्षम हैं... इससे लोगों की संवेदनशीलता प्रभावित होगी। यही कारण था कि मैंने 1999 में बेल्लारी से चुनाव लड़ा और यह मेरे लिए एक मिशन था। बेल्लारी में मैं लड़ाई हार गई, लेकिन युद्ध जीत गई।
ऐसा प्रतीत होता है कि सुषमा 2004 के अपने प्रण को लेकर अब भी खेद जताने के पक्ष में नहीं है कि सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर वह अपना सिर मुंड़ा लेगी।
सुषमा ने गुरुवार को एक पुस्तक अनावरण कार्यक्रम में कहा, मैंने हमेशा कहा है कि सोनिया गांधी हमारे देश में इंदिरा गांधी की पुत्रवधू और राजीव गांधी की पत्नी के रूप में आई थीं और इस प्रकार वह हमारे प्यार और स्नेह की हकदार हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वह हमारे सम्मान की हकदार हैं, लेकिन अगर वह प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं, तो मैं नहीं कहूंगी।
वह कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के उस परोक्ष हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं कि उन्होंने (सुषमा) 2004 में एनडीए की हार के बाद सिर मुंडाने की धमकी क्यों दी थी, जब सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने की बात चल रही थी।
लोकसभा में विपक्ष की नेता ने कहा कि देश 150 साल से अधिक समय तक विदेशी शासन के अधीन रहा था और आजादी के लिए कई लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा, अगर 60 साल की आजादी के बाद, हम किसी विदेशी को शीर्ष पद पर बिठाते हैं, तो इसका मतलब यह होगा कि 100 करोड़ लोग अक्षम हैं... इससे लोगों की संवेदनशीलता प्रभावित होगी। यही कारण था कि मैंने 1999 में बेल्लारी से चुनाव लड़ा और यह मेरे लिए एक मिशन था। बेल्लारी में मैं लड़ाई हार गई, लेकिन युद्ध जीत गई।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
सुषमा स्वराज, सोनिया गांधी, विदेशी मूल का मुद्दा, प्रधानमंत्री पद, Sushma Swaraj, Sonia Gandhi, PM Post