आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में भारी बारिश की वजह से शनिवार शाम को प्रसिद्ध चौमहल्ला पैलेस के प्रवेश द्वार की एक बालकनी की छत गिरकर जमीन पर आ गई है. यह पैलेस के आगे की तरफ की तीन बालकनियों में से एक है. हैदराबाद का चौमहल्ला पैलेस सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है. बारिश के बाद बालकनी गिरने की वजह से जमीन में काफी मात्रा चूना और लकड़ी का मलबा बिखरा पड़ा रहा.
पुलिस इंस्पेक्टर रमेश कोतवाल ने कहा, "भारी बारिश की वजह से बालकानी के साथ खिड़की नीचे गिर गई है. हालांकि मलबा गिरने से वहां से गुजरने वालों को नुकसान नहीं पहुंचा है."
बालकनी की मरम्मत काम होना था लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते काम को रोक दिया गया था. विशेषज्ञों की टीम ने पैलेस के अगले हिस्से में संरचनात्मक स्थिरता लाने और आने वाले दिनों में पैलेस को और नुकसान पहुंचाने से बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने के सुझाव दिए थे. कहा जा रहा है कि बालकानी के ढहने से महल के मूल ढांचे पर प्रभाव नहीं पड़ा है.
लगभग 200 साल पहले 18 वीं शताब्दी में बना चौमहल्ला पैलेस ईरान में तेहरान के शाह पैलेस जैसा दिखता है. यह आसिफ जाही वंश की गद्दी थी और जिस वक्त निज़ामों का हैदराबाद में शासन था, यह उनका आधिकारिक घर था. इस महल को सरकार ने पुनर्स्थापित किया था और साल 2005 में आम लोगों के लिए खोला गया था.
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