इस भोजपुरी स्टार को पति ने 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर दिया तलाक, 2016 में की थी लव मैरिज

 भोजपुरी फिल्मों में भी काम कर चुकी अभिनेत्री रेशमा शेख उर्फ अलीना (29) ने शनिवार को बताया, "मेरे पति मुदस्सिर बेग (34) ने मुझे 17 जुलाई को 100 रुपये का स्टाम्प पेपर भिजवाया.

इस भोजपुरी स्टार को पति ने 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर दिया तलाक, 2016 में की थी लव मैरिज

प्रतीकात्मक चित्र.

इंदौर:

इंदौर की एक मुस्लिम महिला का आरोप है कि उसके पति ने उसे 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर ‘तलाकनामा' भेजा है. पीड़ित महिला ने इस तलाक को अपने पति का एकतरफा फैसला बताते हुए इसे मानने से इंकार कर दिया है और वह इसके खिलाफ पुलिस की शरण में है. भोजपुरी फिल्मों में भी काम कर चुकी अभिनेत्री रेशमा शेख उर्फ अलीना (29) ने शनिवार को बताया, "मेरे पति मुदस्सिर बेग (34) ने मुझे 17 जुलाई को 100 रुपये का स्टाम्प पेपर भिजवाया. इस पर छपा है कि वह तलाक-ए-बाईन (इस्लामी शरीयत के मुताबिक तलाक का एक प्रकार) देते हुए मुझे निकाह के रिश्ते से हमेशा के लिये आजाद कर रहे हैं. लेकिन मुझे यह एकतरफा तलाक कतई मंजूर नहीं है."  

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उन्होंने कहा, "मुदस्सिर से मेरा प्रेम विवाह वर्ष 2016 में हुआ था. अपने वैवाहिक रिश्ते के खातिर मैं पेशेवर अभिनय करना भी छोड़ चुकी हूं. हमारा दो महीने का बच्चा है और मैं अपने पति के साथ ही रहना चाहती हूं." अलीना ने बताया कि वह इंसाफ पाने के लिये चंदन नगर पुलिस थाने और कुछ आला पुलिस अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट चुकी हैं. लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला है. चंदन नगर पुलिस थाने के प्रभारी राहुल शर्मा ने इस मामले में संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा, "यह पति-पत्नी के आपसी विवाद का मामला है." मामले में अलीना के पति मुदस्सिर बेग का पक्ष जानने के लिये उनसे संपर्क की कोशिश की गयी.  

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लेकिन कई प्रयासों के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो सका. शरीयत के जानकारों के मुताबिक "तलाक-ए-बाइन" निकाह का रिश्ता तोड़ने का एक प्रकार है जो तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) से अलग होता है. गौरतलब है कि तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को रोकने के लिये "मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019" लोकसभा से गुरुवार को पारित हो चुका है. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जायेगा. उच्चतम न्यायालय ने लगातार तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म किये जाने की तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) प्रथा को 22 अगस्त 2017 को असंवैधानिक घोषित कर दिया था.  



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)