केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का सोमवार को एक पत्रकार से ट्विटर पर वाद-विवाद हो गया। इस पत्रकार ने अपनी खबर में दावा किया था कि मंत्री ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे केंद्रीय विद्यालयों में पांच हजार से अधिक दाखिले की सिफारिश की है।
खबर पर जाहिर की नाराजगी
ट्विटर पर एक पोस्ट में मंत्री ने खबर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'मैं आपके सूत्र आधारित एजेंडे को समझती हूं और मैंने इसके लिए अवमानना की बात को सार्वजनिक किया है। संवाददाता ने दावा किया था कि स्मृति ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालयों में पांच हजार प्रवेशों का आग्रह किया है, जो पूर्व मंत्रियों के कोटा स्तर से चार गुना ज्यादा है।
सूत्र आधारित झूठ तथ्यों को नजरअंदाज करता है...
बीपीएल परिवारों से आग्रहों के अनुसार प्रवेश कराए गए। एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने कहा, विभिन्न दलों के सांसदों एवं बीपीएल परिवारों से आग्रहों के अनुसार सभी प्रवेश दर्ज कराए गए। आपका सूत्र आधारित झूठ हमेशा की तरह तथ्यों को नजरअंदाज करता है।
दो लाइन हमारी और बाकी का वर्जन आपका...
संवाददाता ने स्मृति का जवाब देते हुए कहा कि मंत्री के रूप में आपका पूरा सम्मान करते हुए वह कहना चाहती हैं कि वह शुक्रवार से मंत्रालय के नजरिए का आग्रह कर रही हैं, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। स्मृति ने उनके पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, 'दो लाइन हमारी और बाकी का वर्जन (नजरिया) आपका। वैसे सम्मान नहीं भी करें तो कोई फर्क नहीं पड़ता।'
पढ़ें कमेंट्स :
इस पर, एक व्यक्ति ने लिखा कि संकट में फंसने पर संदेश देने वाले को ही निशाना बनाया जा रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है। मंत्री ने जवाब में कहा कि मुश्किल में नहीं हैं सर। बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में, मैंने प्रक्रिया का पालन किया। स्मृति ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब संवाददाता ने ‘एजेंडा’ चलाया
एक अन्य पत्रकार ने कटाक्ष किया कि अगर कोई खबर देता है और अगर यह मंत्री की थोड़ी भी आलोचना वाली होती है तो यह ‘एजेंडा’ वाली खबर हो जाती है। स्मृति ने जवाब दिया, ‘आप जितना चाहें आलोचना करें लेकिन झूठ मत बोलिए।’
@anubhutivishn All admissions r recorded as per requests frm MPs across parties+Bpl families. Ur source based lie as usual ignores facts.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 23, 2015
खबर पर जाहिर की नाराजगी
ट्विटर पर एक पोस्ट में मंत्री ने खबर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'मैं आपके सूत्र आधारित एजेंडे को समझती हूं और मैंने इसके लिए अवमानना की बात को सार्वजनिक किया है। संवाददाता ने दावा किया था कि स्मृति ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालयों में पांच हजार प्रवेशों का आग्रह किया है, जो पूर्व मंत्रियों के कोटा स्तर से चार गुना ज्यादा है।
सूत्र आधारित झूठ तथ्यों को नजरअंदाज करता है...
बीपीएल परिवारों से आग्रहों के अनुसार प्रवेश कराए गए। एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने कहा, विभिन्न दलों के सांसदों एवं बीपीएल परिवारों से आग्रहों के अनुसार सभी प्रवेश दर्ज कराए गए। आपका सूत्र आधारित झूठ हमेशा की तरह तथ्यों को नजरअंदाज करता है।
दो लाइन हमारी और बाकी का वर्जन आपका...
संवाददाता ने स्मृति का जवाब देते हुए कहा कि मंत्री के रूप में आपका पूरा सम्मान करते हुए वह कहना चाहती हैं कि वह शुक्रवार से मंत्रालय के नजरिए का आग्रह कर रही हैं, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। स्मृति ने उनके पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, 'दो लाइन हमारी और बाकी का वर्जन (नजरिया) आपका। वैसे सम्मान नहीं भी करें तो कोई फर्क नहीं पड़ता।'
पढ़ें कमेंट्स :
इस पर, एक व्यक्ति ने लिखा कि संकट में फंसने पर संदेश देने वाले को ही निशाना बनाया जा रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है। मंत्री ने जवाब में कहा कि मुश्किल में नहीं हैं सर। बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में, मैंने प्रक्रिया का पालन किया। स्मृति ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब संवाददाता ने ‘एजेंडा’ चलाया
@anubhutivishnoi I recognise ur source based agenda n have made public my contempt for it.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 23, 2015
एक अन्य पत्रकार ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह सरकार किस स्तर पर जाकर खड़ी है। एक मंत्री की तरफ से ऐसी टिप्पणी आई है। मंत्री ने जवाब दिया कि सर, ऐसा लगता है कि मैंने अभिव्यक्ति का अधिकार खो दिया है। क्या बात रखने का मेरा अधिकार आपकी पूर्व मंजूरी का मोहताज है? मंत्री और अन्य लोगों की टिप्पणी पर सोशल नेटवर्किंग साइट पर खूब चर्चा हुई।एक अन्य पत्रकार ने कटाक्ष किया कि अगर कोई खबर देता है और अगर यह मंत्री की थोड़ी भी आलोचना वाली होती है तो यह ‘एजेंडा’ वाली खबर हो जाती है। स्मृति ने जवाब दिया, ‘आप जितना चाहें आलोचना करें लेकिन झूठ मत बोलिए।’
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