पिछले सप्ताह आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले एचएस फुल्का ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के साथ कई मीटिंग के बाद भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और जवाब दिया है. विजय गोयल से मुलाकात के बाद बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर एचएस फुल्का ने कहा कि केंद्रीय मंत्री विजय गोयल उनके काफी समय से दोस्त हैं और 1984 सिख विरोधी दंगों में भी उनकी मदद कर रहे थे. बता दें कि हाल ही में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले एचएस फुल्का की बीजेपी से नजदीकियों के बाद कई तरह के कयासा लगाए जा रहे थे.
एचएस फुल्का ने बताई 'आप' का साथ छोड़ने की वजह, कहा- फिर अन्ना के जैसे आंदोलन की जरूरत
दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट्स में एचएस फुल्का और विजय गोयल के बीच मुलाकात की खबरें आईं. इसके बाद अटकलों बाजार गर्म हो गया था. हालांकि, एचएस फुल्का ने रविवार को जवाब दिया और ट्विटर पर लिखा- विजय गोयल के साथ बैठक खबर नहीं है. हम अच्छे दोस्त हैं और अक्सर मिलते हैं. जब मैं विपक्ष का नेता बना था, तब उन्होंने अपनी हवेली पर डिनर के लिए बुलाया था. बिना कोई क्रेडिट लिए वह शांति से 1984 सिख विरोधी दंगे में मेरी मदद भी करते रहे. मैं प्रत्येक नेता से मिलता हूं, जो न्याय के लिए लड़ाई में हमारा साथ देते हैं.
Meeting @VijayGoelBJP is no news. We are good friends& meet often. When I became LOP he invited me for dinner at his Haveli. He has been helping me in #1984SikhGenocide cases quietly without claiming any credit.
— H S Phoolka (@hsphoolka) January 6, 2019
I meet every leader who support our fight4Justice. https://t.co/wvqWySZWJN
वरिष्ठ वकील और आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का ने आम आदमी पार्टी छोड़ने के पीछे उन्होंने कहा था कि इस्तीफा इसलिए दिया ताकि फिर से अन्ना हजारे के आंदोलन जैसा मूवमेंट खड़ा करें. उन्होंने कहा कि अब वे पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ेंगें और एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) को राजनीतिक पार्टी से मुक्त कराएंगे. शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एचएस फुल्का ने कहा कि अन्ना के आंदोलन से लोग राजनीति में गए, अब वे बाहर आ गए हैं. अब मैं संगठन की शुरुआत पंजाब से करूंगा. नशे के खिलाफ़ लड़ूंगा. SGPC काफी समय से एक पॉलिटिकल पार्टी के कब्जे में है. मेरा प्लान पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ने के लिए संगठन बनाना, SGPC को पॉलिटिकल कब्जे से छुड़ाना है. उन्होंने कहा कि खुद SGPC चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन संगठन बनाऊंगा. उन्होंने यह भी कहा कि मैं आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा.
गौरतलब है कि एचएस फुल्का ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी. इस साल लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की संभावना को लेकर चल रही अटकलों के बीच उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी. दरअसल, कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 दंगा मामले में दोषी ठहराने के बाद फुल्का ने आप से नाता तोड़ लिया था. इस्तीफा देने के वक्त उन्होंने कहा था कि वह अब जगदीश टाइटलर और कमलनाथ को सजा दिलवाने के लिए फोकस करेंगे.
VIDEO: यह फैसला पीड़ितों के लिए जीत की तरह - एचएस फुल्का
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