विज्ञापन
This Article is From Oct 01, 2018

150वीं जयंती : अपना जन्मदिन कैसे मनाते थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

सरकार आज गांधी जयंती पर तरह-तरह के समारोह आयोजित कर रही है, चारों तरफ हंगामा है, पूरे सालभर कार्यक्रम चलने हैं.

150वीं जयंती : अपना जन्मदिन कैसे मनाते थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
सरकार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कई तरह के कार्यक्रमों के आयोजन कर रही है.
नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती दो अक्टूबर पर सरकार और गांधीवादी संस्थाओं की तरफ से जहां वर्ष भर देश-दुनिया में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, वहीं बड़ा सवाल यह है कि क्या गांधीजी भी अपना जन्मदिन मनाते थे? और मनाते थे तो कैसे मनाते थे? यदि नहीं मनाते थे तो उस दिन आखिर वह करते क्या थे?  वयोवृद्ध गांधीवादी रामचंद्र राही कहते हैं, "शायद गांधीजी जन्मदिन नहीं मनाते थे, लेकिन लोग उनके जन्मदिन का जश्न मनाते थे।"उन्होंने 100 साल पहले गांधी के कहे कथनों का जिक्र करते हुए कहा, "आज से 100 साल पहले, जब वर्ष 1918 में गांधीजी ने अपना जन्मदिन मनाने वालों से कहा था 'मेरी मृत्यु के बाद मेरी कसौटी होगी कि मैं जन्मदिन मनाने लायक हूं कि नहीं'." फिर अपने जन्मदिन दो अक्टूबर को बापू करते क्या थे? देशभर में फैलीं गांधीवादी संस्थाओं की मातृ संस्था, गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष, रामचंद्र राही ने आईएएनएस से कहा, "यह गंभीर दिन होता था, इस दिन वह ईश्वर से प्रार्थना करते थे, चरखा चलाते थे और ज्यादातर समय मौन रहते थे. किसी भी महत्वपूर्ण दिन को वह इसी तरह मनाते थे."

Gandhi Jayanti: ...और जब बापू ने गुड़ खाना कम कर दिया था

लेकिन सरकार आज गांधी जयंती पर तरह-तरह के समारोह आयोजित कर रही है, चारों तरफ हंगामा है, पूरे सालभर कार्यक्रम चलने हैं. इस पर राही ने कहा, "सरकार तो कोई भी आयोजन अपने मतलब से करती है. उसे गांधी के विचारों से कुछ लेना-देना नहीं है. सरकार अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए गांधी के नाम का इस्तेमाल करती है." उन्होंने कहा, "अगर सरकार सचमुच गांधी का जन्मदिन मनाना चाहती है तो उसे गांधी के विचारों पर समाज को आगे ले जाने की कोशिश करनी चाहिए. लेकिन इसका लक्षण नहीं दिखता, वर्तमान सरकार गांधी को और गांधी के जन्मदिन को सफाई के साथ जोड़ती है."

Mahatma Gandhi: महात्मा गांधी के नाम पर देश और विदेश में हैं इतनी सड़कें, जानिए 10 खास बातें

गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सरकार की तरफ से स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं. इस पर राही ने कहा, "अगर सफाई के बारे में सोचें तो पहला काम यह होना चाहिए कि देश में सफाई करने वालों को ऐसी सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए, जिससे उन्हें गटर में उतर कर सफाई न करनी पड़े. सफाईकर्मियों को मृत्यु के मुंह में धकेलना सरकार के लिए शर्म की बात है." उन्होंने कहा, "सफाई महत्वपूर्ण काम है, लेकिन जबतक भारत में सफाईकर्मी एक खास समूह में रहेगा, उसके जीवन को कोई सुरक्षा नहीं मिल सकेगी. यह समाज के माथे पर कलंक है, यह कलंक नहीं मिटेगा, तो गांधी जयंती मनाने से कुछ नहीं होगा." गौरतलब है कि महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर, 1969 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था.

बनेगा स्वच्छ इंडिया : सत्याग्रह आंदोलन की 100वीं जयंती मना रहा है 'चंपारण'​


इनपुट : आईएनएस

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com