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This Article is From Jan 25, 2022

2024 में BJP को कैसे हराया जा सकता है? प्रशांत किशोर ने बताया तीन सूत्री फार्मूला

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन इसलिए भी खराब रहा क्योंकि वहां उनका चरम राष्ट्रवाद का नैरेटिव नहीं चल पाया और ममता बनर्जी ने उनसे मुकाबला करने के लिए उसके ऊपर उप क्षेत्रवाद (बंगाली अस्मिता) का मुद्दा अध्यारोपित कर दिया था.

प्रशांत किशोर ने कहा है कि 2024 में BJP को हराया जा सकता है.

नई दिल्ली:

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि 2024 के आम चुनावों (2024 General Elections) में बीजेपी (BJP) को हराया जा सकता है. उन्होंने इसके लिए बीजेपी के गढ़े तीन नैरेटिव पर विपक्षी दलों को जवाबी रणनीति बनाने की बात कही है. उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी के नैरेटिव पश्चिम बंगाल विधान सभा में क्यों फेल हुए और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने पीएम मोदी की भारतीय जनता पार्टी पर कैसे बड़ी जीत हासिल की?

किशोर ने कहा कि बीजेपी ने हिन्दुत्व, चरम राष्ट्रवाद और लोक जनकल्याणकारी नीतियों का एक मजबूत नैरेटिव तैयार किया है. बिना इस नैरेटिव को ध्वस्त किए या उसका काउंटर नैरेटिव पेश किए बिना विपक्षी दलों की जीत आसान नहीं होगी. पीके (प्रशांत किशोर) ने कहा कि विपक्षी दलों को इन तीन (हिन्दुत्व, चरम राष्ट्रवाद और लोक जनकल्याणकारी नीतियों) में से कम से कम दो मोर्चों पर बीजेपी को पछाड़ना होगा.

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चुनावी रणनीतिकार ने सोमवार को कहा कि बीजेपी ने इन्हीं तीन (हिंदुत्व, चरम-राष्ट्रवाद और लोक कल्याण) के मुद्दों का लाभ उठाते हुए जनमानस के बीच एक "दुर्जेय कथा" पेश की है.उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी की लोकप्रियता केवल हिंदुत्व के भरोसे नहीं टिकी है. उसकी व्यापकता और लोकप्रियता के पीछे दो अन्य तत्व का भी योगदान है, जिस पर विपक्षी दलों को ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वे दो अन्य मुद्दे चरम राष्ट्रवाद और फिर दूसरा लोक कल्याण है.

किशोर ने कहा, "घरेलू और व्यक्तिगत स्तर पर अगर लोक कल्याण, चरम राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को एक साथ रखें, तो यह दुर्जेय बन जाता है. ऐसे में विपक्ष के पास बीजेपी के इन तीन नैरेटिव के खिलाफ किसी दो मुद्दों पर ठोस नैरेटिव होना चाहिए. अगर उसकी कमी है तो फिर बीजेपी के खिलाफ जीत के मौके कम हो सकते हैं."

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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन इसलिए भी खराब रहा क्योंकि वहां उनका चरम राष्ट्रवाद का नैरेटिव नहीं चल पाया और ममता बनर्जी ने उनसे मुकाबला करने के लिए उसके ऊपर उप क्षेत्रवाद (बंगाली अस्मिता) का मुद्दा अध्यारोपित कर दिया था. प्रशांत किशोर ने कहा कि लेकिन जब राष्ट्रीय चुनावों की बात आती है, तो यह राष्ट्रवाद का मुद्दा उन्हें व्यापक बना देता है.

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