JNU में होस्टल की बढ़ी फीस छात्रों पर आर्थिक बोझ नहीं, 71 फीसदी को मिलता है अनुदान

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक सरकारी अनुदान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के विद्यार्थियों को

JNU में होस्टल की बढ़ी फीस छात्रों पर आर्थिक बोझ नहीं, 71 फीसदी को मिलता है अनुदान

जेएनयू (JNU) के छात्र-छात्राएं फीस वृद्धि के विरोध में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

खास बातें

  • जेएनयू के 7557 छात्रों में से 5371 छात्रों को केंद्र सरकार की मदद
  • एमसीएम के लिए 2000 रुपये प्रति महीने दिए जा रहे
  • रिसर्च एसोसिएट को 47000 रुपये प्रति महीने मिल रहे
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के 71 प्रतिशत छात्रों को सरकार से अनुदान मिलता है. देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यह सबसे अधिक है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यह कहना गलत है कि बढ़ी होस्टल फ़ीस से बढ़े आर्थिक बोझ को छात्र चुकाने में सक्षम नहीं हो सकेंगे. जेएनयू के 7557 छात्रों में से 5371 छात्रों को केंद्र सरकार की ओर से अनुदान मिलता है. इस राशि में एमसीएम के लिए सबसे कम 2000 रुपये प्रति महीने से रिसर्च एसोसिएट के लिए 47000 रुपये प्रति महीने तक राशि दी जाती है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार होस्टल की बढ़ी हुई फ़ीस के मुताबिक अब सामान्य श्रेणी के हर छात्र को करीब 4500 रुपये प्रति महीना और बीपीएल छात्र को 3300 रुपये प्रति महीना देना होगा. औसत रूप से सामान्य वर्ग के छात्र के लिए यह फ़ीस 63700 रुपये प्रति वर्ष आती है. जबकि बीपीएल श्रेणी के छात्रों के लिए यह 48100 रुपये प्रति वर्ष होती है. जबकि अधिक छात्रों वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 35260 रुपय से लेकर 47800 रुपये तक है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 24000 छात्र हैं और वहां सबसे कम 17100 रुपये प्रति वर्ष ख़र्च आता है. बीएचयू में 32000 छात्र हैं जिनमें 16000 छात्र होस्टल में हैं. वहां होस्टल चार्ज 35260 रुपये प्रति वर्ष है.

जेएनयू (JNU) के बढ़े हुए चार्ज के बारे में मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इसमें सिर्फ कमरे का किराया, यूटिलिटी चार्ज और सर्विस चार्ज बढ़ाया गया है. जैसे सिंगल सीटर रूम के लिए पहले बीस रुपये महीने किराया था जिसे अब 600 रुपये प्रति महीना और डबल सीटर के लिए दस रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति महीना किया गया है. बिजली, पानी के लिए पहले कोई पैसा नहीं देना होता था. अब यह उपयोग के आधार पर वसूला जाएगा. सफाई, कुक, मेंटेनेंस, मैस हैल्पर के लिए पहले कोई पैसा नहीं देना होता था. अब यह 1700 रुपये प्रति महीने होगा. इसी तरह एक बार ली जाने वाली मैस सिक्योरिटी जो पहले 5500 रुपये थी उसे बढ़ाकर अब 12000 रुपये कर दिया गया है.

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मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार 40 साल में पहली बार यह बढ़ोत्तरी की गई है. अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू में छात्रों को न्यूनतम 2400 रुपये प्रति वर्ष से अधिकतम 564000 रुपये प्रति वर्ष तक आर्थिक सहायता मिलती है. ऐसे में बढ़ी हुई फ़ीस को वहन करना उनके लिए बड़ी परेशानी का कारण नहीं हो सकता.

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जेएनयू में होस्टल में रहने वाले छात्रों की संख्या 6600 है जबकि 5371 छात्रों को आर्थिक मदद दी जा रही है. इनमें 674 छात्रों को 31000-47000  रुपये तक की छात्रवृत्ति है. 182 छात्रों को 12000-22000 रुपये, 3080 छात्रों को 5000-8000 रुपये और 1435 छात्रों को 2000-3500 रुपये प्रति महीने की छात्रवृत्ति है.

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मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जेएनयू के आंदोलनकारी छात्रों के साथ बातचीत चल रही है. उन्हें उम्मीद है कि मामला सुलझ जाएगा.

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