इशरत जहां (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
इशरत जहां मामले में कई दस्तावेज गायब हैं। इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच के निर्देश दे रखे हैं। लेकिन इस मामले की जांच में लगातार हो रही देरी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने अतिरिक्त सचिव बी.के. प्रसाद को इस मामले की जांच जल्द खत्म करने को कहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'जो दस्तावेज गायब हैं वो यहीं कहीं गृह मंत्रालय में ही होंगे, उन्हें ठीक तरह से ढूंढने की जरूरत है।'
दरअसल सरकार जानती है कि चल रहे सत्र में उससे इशरत के ऊपर कई सवाल पूछे जाएंगे, इसलिए वह जांच जल्द खत्म करना चाहती है। उधर संसद में उत्तराखंड पर चल रहे हंगामे के बीच बीजेपी सांसद किरीट सोमाया ने फिर से इशरत का मुद्दा उठाया।
किरीट सोमैया ने कहा, 'जो दस्तावेज गायब हैं वो कहां गए? किसने देश को गुमराह किया? ये सब काफ़ी गंभीर मसले हैं?' उधर इशरत मामले में कई तरफ से घिरे पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, बीजेपी मुद्दे को भटका रही है।
उधर केंद्र सरकार ने चिदंबरम पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, 'ये छोटा मसला नहीं है। इसलिए चिदंबरम को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।'
एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने अतिरिक्त सचिव बी.के. प्रसाद को इस मामले की जांच जल्द खत्म करने को कहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'जो दस्तावेज गायब हैं वो यहीं कहीं गृह मंत्रालय में ही होंगे, उन्हें ठीक तरह से ढूंढने की जरूरत है।'
दरअसल सरकार जानती है कि चल रहे सत्र में उससे इशरत के ऊपर कई सवाल पूछे जाएंगे, इसलिए वह जांच जल्द खत्म करना चाहती है। उधर संसद में उत्तराखंड पर चल रहे हंगामे के बीच बीजेपी सांसद किरीट सोमाया ने फिर से इशरत का मुद्दा उठाया।
किरीट सोमैया ने कहा, 'जो दस्तावेज गायब हैं वो कहां गए? किसने देश को गुमराह किया? ये सब काफ़ी गंभीर मसले हैं?' उधर इशरत मामले में कई तरफ से घिरे पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, बीजेपी मुद्दे को भटका रही है।
- इशरत जहां के मामले में हलफ़नामे को लेकर विवाद बस मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
- मूल मुद्दा ये है कि फ़र्ज़ी मुठभेड़ हुई या नहीं और उस फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए चार लोग पहले से ही पुलिस हिरासत में थे या नहीं।
- जहां तक हलफ़नामे का सवाल है, इस पर गृहमंत्री के नहीं, अंडर सेक्रेटरी के दस्तख़त होते हैं। हालांकि मुझे ख़याल नहीं है कि मैंने पहला एफिडेविट देखा या नहीं, मान लें कि मैंने देखा था। इसके बाद मजिस्ट्रेट एसपी तमांग की रिपोर्ट आई।
- इस रिपोर्ट पर हंगामा हुआ और ख़ास कर गुजरात से ये मांग आई कि भारत सरकार को पहले एफिडेविट से हुई गफ़लत को ख़त्म करना चाहिए या अपना रुख़ साफ़ करना चाहिए। यही वजह है कि दूसरा एफिडेविट फाइल किया गया।
उधर केंद्र सरकार ने चिदंबरम पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, 'ये छोटा मसला नहीं है। इसलिए चिदंबरम को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।'
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