गृहमंत्री सुशील शिंदे ने अफजल गुरु की फांसी को कानून के मुताबिक लिया गया फैसला बताया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंदे ने कहा कि फांसी दिए जाने का फैसला राजनीतिक नहीं है।
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अफजल गुरु के परिवार को जानकारी न दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि चिट्ठी जेल की तरफ से 7 फरवरी को ही भेजी गई थी और गृह मंत्री सारे काम नहीं कर सकते।
वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को उन्होंने खुद फोन करके 8 फरवरी को सूचना दी थी। उन्होंने कहा कि अजमल आमिर कसाब और अफजल गुरु का मामला काफी संवेदनशील था, इसलिए सरकार ने गोपनीयता और सावधानी बरती।
अफजल गुरु के परिवार की तिहाड़ जेल जाकर नमाज अदा करने की अर्जी पर शिंदे ने कहा कि वह उनकी अर्जी पर गौर करेंगे।
उधर, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री के हत्यारों को फांसी की सजा पर उठे सवालों का जवाब देते हुए शिंदे ने कहा है कि ये दोनों मामले अलग हैं।
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