जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकी हमले का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं और उनके दो पुलिस गार्डों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा बढ़ाने और वरिष्ठ नेताओं का ध्यान आकर्षित करने के प्रयास में खुद पर हमला कराया. इशफाक अहमद, बशारत अहमद और दो निजी सुरक्षा अधिकारियों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया. मजिस्ट्रेट ने उन्हें सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.
शुक्रवार शाम को दोनों ने दावा किया कि उन पर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलियां चलाई थीं, जिसमें इशफाक अहमद की बांह में चोट लग गई.
शुरू में पुलिस ने कहा था कि "गार्ड द्वारा गलती से गोली चलने से भाजपा कार्यकर्ता को मामूली चोट लगी." पुलिस ने ट्वीट किया था कि कुपवाड़ा जिले में पीएसओ का हथियार दुर्घटनावश कार में चल गया, भाजपा कार्यकर्ता इशफाक मीर के हाथ में गोली लग गई. दूसरे पीएसओ ने डर के मारे गोली चला दी. इशफाक के हाथ में मामूली चोट आई है.
हालांकि आगे की जांच से पता चला है कि यह एक सुनियोजित आतंकी हमले का नाटक था. इशफाक अहमद बीजेपी के जिला अध्यक्ष मोहम्मद शफी मीर के बेटे हैं. भाजपा ने मीर, उनके बेटे और बशारत अहमद को निलंबित कर दिया है और आगे की कार्रवाई के लिए आंतरिक जांच शुरू कर दी है.
अप्रैल और मई में भाजपा के दो पंचायत सदस्यों को अनंतनाग और सोपोर इलाके में रंगदारी का रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन पर व्यापारियों और सेब डीलरों से धन उगाहने के लिए आतंकवादियों का रूप धारण करने का आरोप लगाया गया था.
पिछले साल एक और बीजेपी नेता तारिक अहमद मीर को एनआईए ने कथित आतंकी लिंक के लिए गिरफ्तार किया था; उन पर आतंकी समूह हिजबुल मुजाहिदीन को हथियार सप्लाई करने का आरोप था.
उसकी गिरफ्तारी दविंदर सिंह की जांच के सिलसिले में की गई थी. दविंदर सिंह जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी थे जिन्हें जनवरी 2020 में हिजबुल के शीर्ष आतंकवादियों को ले जाते समय गिरफ्तार किया गया था.
मीर शोपियां जिले के वाची के सरपंच (ग्राम प्रधान) थे. उन्होंने 2014 का विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा था.
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