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This Article is From May 25, 2013

‘महिलाएं कभी-कभी बदला लेने के लिए बलात्कार के मामले दर्ज कराती हैं’

‘महिलाएं कभी-कभी बदला लेने के लिए बलात्कार के मामले दर्ज कराती हैं’
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि बलात्कार के लिए दंड के प्रावधान का महिलाएं कभी-कभी ‘‘बदला लेने के हथियार’’ के रूप में इस्तेमाल करती हैं और अपने पुरुष दोस्तों से धन उगाहने एवं उनसे शादी का दबाव बनाने के लिए ब्लैकमेल करती हैं।

अदालत ने कहा कि कई मामलों में महिलाएं पहले सहमति से यौन संबंध बनाती हैं लेकिन जब संबंध टूटता है तो अपने पुरुष मित्र के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराती हैं ताकि शादी के लिए उस पर दबाव बनाया जा सके जिससे न केवल शादी का ‘‘मजाक’’ बनता है बल्कि बलात्कार के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी होती है।

न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर ने कहा, ‘इस तरह के कई मामले ऐसी महिलाएं दर्ज करा रही हैं जिन्होंने किसी व्यक्ति के साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए लेकिन जब किसी कारण से संबंध टूट गए तो महिलाओं ने बदले के हथियार के रूप में इस कानून का इस्तेमाल किया ताकि धन की उगाही की जा सके या उस पर शादी का दबाव बनाया जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘गुस्से एवं क्षोभ में वे इस तरह के सहमति से यौन क्रिया की घटना को बलात्कार का मामला बताती हैं जिससे दंड के प्रावधान का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है।’ इसने कहा कि अदालत को लड़की के इरादे पर सावधानीपूर्वक गौर करना चाहिए ताकि पता लगाया जा सके कि क्या बलात्कार की शिकायत वास्तविक है या इसके पीछे गलत इरादे हैं।

अदालत ने कहा, ‘बलात्कार और सहमति से यौन संबंध बनाने के बीच स्पष्ट रेखा है और जिन मामलों में इस तरह के विवाद सामने आते हैं वहां अदालत को दोनों पक्षों के इरादों पर सावधानीपूर्वक गौर करना चाहिए और जांच करनी चाहिए कि क्या लड़की के इरादे वास्तविक हैं या फिर गलत कारणों से हैं। इस तरह के मामले न केवल शादी जैसी पवित्र संस्था का मजाक बनाते हैं बल्कि बलात्कार के आंकड़ों को भी बढ़ाते हैं।’ अदालत ने रानी बाग के एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत देते हुए यह टिप्पणी की।

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