यह ख़बर 21 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

छत्रपति शाहूजी महाराज नगर को जिला बनाने की अधिसूचना खारिज

खास बातें

  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने छत्रपति शाहूजी महाराज नगर (अब अमेठी) को जिला बनाने की उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार की अधिसूचना शुक्रवार को खारिज कर दी।
लखनऊ:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने छत्रपति शाहूजी महाराज नगर (अब अमेठी) को जिला बनाने की उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार की अधिसूचना शुक्रवार को खारिज कर दी। अदालत के इस आदेश के बाद अब अमेठी जिला नहीं रहेगा।

न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह, न्यायमूर्ति एस हसन और न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा की खंडपीठ ने रायबरेली निवासी मनोज कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया।

सिंह ने अपनी याचिका में एक जुलाई 2010 को तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार द्वारा छत्रपति शाहूजी महाराज नगर जिले के गठन को लेकर जारी की गई अधिसूचना को अवैध बताते हुए अदालत में चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि जिस वक्त राज्य सरकार ने इस जिले के गठन की अधिसूचना जारी की उस समय जनगणना चल रही थी। 31 दिसम्बर 2011 से पहले नए जिले का गठन कानूनी रूप से अवैध था।

अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए बिंदुओं को कानूनी आधार पर सही करार देते हुए मायावती सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना खारिज कर दी।

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मायावती सरकार ने सुल्तानपुर की तीन और रायबरेली जिले की दो तहसीलों को मिलाकर छत्रपति शाहूजी महाराज नगर जिले का गठन किया था। इस साल सत्ता परिवर्तन होने के बाद अखिलेश यादव सरकार ने इस जिले का नाम बदलकर अमेठी कर दिया था।