प्रतीकात्मक तस्वीर
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से पाकिस्तानी आतंकी नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में हैं. कश्मीर घाटी में खुफिया विभाग ने अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा बलों को मिले इंटेलिजेंस इनपुट के बाद कश्मीर घाटी में अगले तीन-चार दिनों में आतंकी हमलो को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. इंटेलिजेंस इनपुट की मानें तो पाकिस्तानी आंतकी ग्रुप श्रीनगर, खासकर कश्मीर के दक्षिणी जिलों में फिदायीन हमलों को अंजाम दे सकते हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर में कम से कम 12 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रवेश कर चुके हैं. ये जैश के आंतकी बड़े लेवल पर आंतकी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं. सुरक्षा बल अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों को राज्य और दिल्ली एनसीआर में हाईअलर्ट पर रखा गया है.
अधिकारी ने कहा कि खबर है कि आंतकी कई गुटों में बंटे हुए हैं और खुफिया जानकारी की मानें तो रमजान के 17वें दिन शनिवार को बद्र की लड़ाई की बरसी पर आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं. बता दें कि बद्र की लड़ाई सन् 624 में नवोदित मुस्लिम गुट और मक्का के क़ुरैश क़बीले की सेना के बीच आधुनिक सउदी अरब के हिजाज़ क्षेत्र में 13 मार्च को लड़ा गया था.
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बताया जा रहा है कि आंतकी सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं. खबर है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन मुफ्ती असगर के संरक्षण में बद्र की लड़ाई की बरसी पर कई सारे आत्मघाती हमले को अंजाम दे सकता है. पाकिस्तान कश्मीर में शांतिपूर्ण रमजान नहीं चाहता है.
पिछले साल भी बद्र की बरसी पर घाटी में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था. उस वक्त भी आतंकी घटनाओं की जिम्मेवारी जैश आतंकी संगठन ने ली थी.
पाकिस्तान पर भरोसा कर कहीं गलती तो नहीं कर रहा भारत ?
बता दें कि कश्मीर में रमजान के पाक महीने में सुरक्षा अभियानों पर रोक लगाने के केंद्र के फैसले के बाद भी घाटी में सीजफायर उल्लंघन के मामलों में कमी नहीं आई है. राज्य की सीएम महबूबा मुफ्ती ने ही रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ अभियान पर रोक लगाने की मांग की थी.
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रिपोर्ट्स की मानें तो नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर में कम से कम 12 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रवेश कर चुके हैं. ये जैश के आंतकी बड़े लेवल पर आंतकी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं. सुरक्षा बल अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों को राज्य और दिल्ली एनसीआर में हाईअलर्ट पर रखा गया है.
अधिकारी ने कहा कि खबर है कि आंतकी कई गुटों में बंटे हुए हैं और खुफिया जानकारी की मानें तो रमजान के 17वें दिन शनिवार को बद्र की लड़ाई की बरसी पर आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं. बता दें कि बद्र की लड़ाई सन् 624 में नवोदित मुस्लिम गुट और मक्का के क़ुरैश क़बीले की सेना के बीच आधुनिक सउदी अरब के हिजाज़ क्षेत्र में 13 मार्च को लड़ा गया था.
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बताया जा रहा है कि आंतकी सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं. खबर है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन मुफ्ती असगर के संरक्षण में बद्र की लड़ाई की बरसी पर कई सारे आत्मघाती हमले को अंजाम दे सकता है. पाकिस्तान कश्मीर में शांतिपूर्ण रमजान नहीं चाहता है.
पिछले साल भी बद्र की बरसी पर घाटी में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था. उस वक्त भी आतंकी घटनाओं की जिम्मेवारी जैश आतंकी संगठन ने ली थी.
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बता दें कि कश्मीर में रमजान के पाक महीने में सुरक्षा अभियानों पर रोक लगाने के केंद्र के फैसले के बाद भी घाटी में सीजफायर उल्लंघन के मामलों में कमी नहीं आई है. राज्य की सीएम महबूबा मुफ्ती ने ही रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ अभियान पर रोक लगाने की मांग की थी.
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