आईएनएस कलवरी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय नौसेना में इस साल सबमरीन ऑपरेशंस के पचासवें साल को गोल्डेन जुबली के तौर पर मनाया जा रहा है. पनडुब्बी ऑपरेशन्स के 50वीं वर्षगांठ पर भारतीय नौसेना ने भारत की सबसे घातक स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी की फुटेज जारी की, जिसे परीक्षण के तौर पर समुद्र में तैनात कर दिया गया है. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में डिजाइन की गई आईएनएस कलवरी को भारतीय नौसेना को सौंपा था. बता दें कि इस पनडुब्बी को पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया का उत्तम उदाहरण बताया था.
भारतीय नौसेना द्वारा जारी यह वीडियो आईएनएस कलवरी का कला संचालन केंद्र काफी उन्नत है और ये घातक शिकारी की तरह सब कुछ मैनेज भी करता है. बता दें कि कलवरी का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली खतरनाक टाइगर शार्क के नाम रखा गया है. इस पनडुब्बी को मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा बनाया गया है और यह आईएनएनस कलवरी का पहला जलावतरण है.
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वीडियो में, चालक दल से सभी तरह के सामंजस्य और समन्वय स्थापित करने और पेरिस्कोप से अच्छे तरह से जांच-पड़ताल करने के बाद कैप्टन पनडूब्बी को समुंद्र के भीतर गोते लगाने का आदेश देता है और उसके बाद सबमरीन आसानी से अंदर चला जाती है. इतना ही नहीं, ये वीडियो ये भी दिखाता है कि कैसे पनडुब्बी अपने टारगेट को लॉक करती है ताकि अपने मिसाइल का इस्तेमाल कर उसे नष्ट किया जा सके और बखुबी इसे अंजाम देने में कामयाब भी हो जाती है.
बता दें कि कलवरी के हथियार सिस्टम का मेन सबटिक्स या सबमरीन टैक्टिकल इंटिग्रेटेड कॉम्बॉट सिस्टम सूट है जो टारगेट को डिटेक्ट करने की सूचना देता है. बता दें कि कलवरी टारपीडो और ट्यूब तरीके से एंटी-शिप मिसाइल का इस्तेमाल कर सकती है. इतना ही नही, 17 साल बाद नौसेना को मिला डीजल और बिजली से चलने वाला ये पनडुब्बी काफी घातक है.
यह भी पढ़ें - भारत में बनी पहली स्कॉरपीन क्लास पनडुब्बी INS कलवरी नौसेना में शामिल - ये हैं खासियतें
इस पनडुब्बी की लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर हैं. इसमें 360 बैटरी है जिसमें हर बैटरी का वजन 750 किलो हैं. साथ में 1250 किलोवाट के दो डीज़ल इंजन लगे हैं जो बैटरी को जल्दी से जल्दी चार्ज करते हैं. इसकी स्पीड करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटा है. ये समंदर में 50 दिन तक रह सकता हैं. पूरी तरह से ब्रांड न्यू ये पनडुब्बी हर लिहाज स्टेट ऑफ द आर्ट है अपनी क्लास में इसकी टक्कर का पनडुब्बी आस पास कोई नहीं हैं.
वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें.
VIDEO : नौसेना में शामिल हुई आईएनएस कलवरी
भारतीय नौसेना द्वारा जारी यह वीडियो आईएनएस कलवरी का कला संचालन केंद्र काफी उन्नत है और ये घातक शिकारी की तरह सब कुछ मैनेज भी करता है. बता दें कि कलवरी का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली खतरनाक टाइगर शार्क के नाम रखा गया है. इस पनडुब्बी को मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा बनाया गया है और यह आईएनएनस कलवरी का पहला जलावतरण है.
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वीडियो में, चालक दल से सभी तरह के सामंजस्य और समन्वय स्थापित करने और पेरिस्कोप से अच्छे तरह से जांच-पड़ताल करने के बाद कैप्टन पनडूब्बी को समुंद्र के भीतर गोते लगाने का आदेश देता है और उसके बाद सबमरीन आसानी से अंदर चला जाती है. इतना ही नहीं, ये वीडियो ये भी दिखाता है कि कैसे पनडुब्बी अपने टारगेट को लॉक करती है ताकि अपने मिसाइल का इस्तेमाल कर उसे नष्ट किया जा सके और बखुबी इसे अंजाम देने में कामयाब भी हो जाती है.
बता दें कि कलवरी के हथियार सिस्टम का मेन सबटिक्स या सबमरीन टैक्टिकल इंटिग्रेटेड कॉम्बॉट सिस्टम सूट है जो टारगेट को डिटेक्ट करने की सूचना देता है. बता दें कि कलवरी टारपीडो और ट्यूब तरीके से एंटी-शिप मिसाइल का इस्तेमाल कर सकती है. इतना ही नही, 17 साल बाद नौसेना को मिला डीजल और बिजली से चलने वाला ये पनडुब्बी काफी घातक है.
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इस पनडुब्बी की लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर हैं. इसमें 360 बैटरी है जिसमें हर बैटरी का वजन 750 किलो हैं. साथ में 1250 किलोवाट के दो डीज़ल इंजन लगे हैं जो बैटरी को जल्दी से जल्दी चार्ज करते हैं. इसकी स्पीड करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटा है. ये समंदर में 50 दिन तक रह सकता हैं. पूरी तरह से ब्रांड न्यू ये पनडुब्बी हर लिहाज स्टेट ऑफ द आर्ट है अपनी क्लास में इसकी टक्कर का पनडुब्बी आस पास कोई नहीं हैं.
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VIDEO : नौसेना में शामिल हुई आईएनएस कलवरी
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