नई दिल्ली:
सीबीआई को रक्षा मंत्रालय से और दस्तावेज मिले हैं जो उस कारण बताओ नोटिस से संबंधित हैं जो उसने (सीबीआई ने) कंपनियों को जारी किए थे। इन कंपनियों को एजेंसी ने उस कथित रिश्वत के लिए आरोपी बनाया है जो 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों का सौदा पक्ष में करने के लिए दी गई थी।
सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ जल्द शुरू करने की योजना बनाई है। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि 3600 करोड़ रुपये के सौदे में कथित रिश्वत मामले में एजेंसी की प्रारंभिक जांच में इटली की फिनमेकेनिका और ब्रिटेन की अगस्तावेस्टलैंड के नाम सामने आने पर रक्षा मंत्रालय ने उन्हें नोटिस जारी किए थे।
सूत्रों ने कहा कि हाल में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी जिसमें कारण बताओ नोटिस और अगस्तावेस्टलैंड से मिले जवाब एजेंसी को सौंपे गए।
मंत्रालय ने कंपनी से पूछा था कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर सौदा रद्द क्यों न कर दिया जाए।
कंपनी ने पत्र का जवाब देते हुए कोई भी गलत कार्य से इनकार कर दिया था लेकिन रक्षामंत्री एके एंटनी ने कंपनी के जवाब को खारिज कर दिया था।
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने सौदे से संबंधित सभी दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं जो कि जांच प्रक्रिया का हिस्सा हैं तथा प्रश्नों के क्रम को अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही एजेंसी उस सूचना पर कार्य कर रही है जिसकी उसे फिनमेकेनिका और अगस्तावेस्टलैंड के साथ ही बिचौलियों के खिलाफ रिश्वत के उसके आरोपों को पुष्ट करने के लिए विदेश से आवश्यकता है जो पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के भतीजों और अन्य व्यक्तियों को कथित रूप से दी गई।
अंतिम रूप प्रदान करने के बाद संभावना है कि सीबीआई अपने प्रश्नों को न्यायिक अनुरोधों के रूप में भेजेगी जिसे अनुरोध पत्र के रूप में जाना जाता है। इसे यह पता लगाने के लिए चार देशों को भेजा जाएगा कि रिश्वत का भुगतान करने के लिए राशि किस रास्ते से देश में लायी गई। इन देशों में ब्रिटेन, इटली, मारीशस और ट्युनीशिया शामिल हैं।
सीबीआई ने कथित सौदे में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र रचने के लिए एसपी त्यागी के साथ ही 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। त्यागी के आवास के साथ ही 14 स्थानों पर छापे मारे गए थे।
सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ जल्द शुरू करने की योजना बनाई है। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि 3600 करोड़ रुपये के सौदे में कथित रिश्वत मामले में एजेंसी की प्रारंभिक जांच में इटली की फिनमेकेनिका और ब्रिटेन की अगस्तावेस्टलैंड के नाम सामने आने पर रक्षा मंत्रालय ने उन्हें नोटिस जारी किए थे।
सूत्रों ने कहा कि हाल में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी जिसमें कारण बताओ नोटिस और अगस्तावेस्टलैंड से मिले जवाब एजेंसी को सौंपे गए।
मंत्रालय ने कंपनी से पूछा था कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर सौदा रद्द क्यों न कर दिया जाए।
कंपनी ने पत्र का जवाब देते हुए कोई भी गलत कार्य से इनकार कर दिया था लेकिन रक्षामंत्री एके एंटनी ने कंपनी के जवाब को खारिज कर दिया था।
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने सौदे से संबंधित सभी दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं जो कि जांच प्रक्रिया का हिस्सा हैं तथा प्रश्नों के क्रम को अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही एजेंसी उस सूचना पर कार्य कर रही है जिसकी उसे फिनमेकेनिका और अगस्तावेस्टलैंड के साथ ही बिचौलियों के खिलाफ रिश्वत के उसके आरोपों को पुष्ट करने के लिए विदेश से आवश्यकता है जो पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के भतीजों और अन्य व्यक्तियों को कथित रूप से दी गई।
अंतिम रूप प्रदान करने के बाद संभावना है कि सीबीआई अपने प्रश्नों को न्यायिक अनुरोधों के रूप में भेजेगी जिसे अनुरोध पत्र के रूप में जाना जाता है। इसे यह पता लगाने के लिए चार देशों को भेजा जाएगा कि रिश्वत का भुगतान करने के लिए राशि किस रास्ते से देश में लायी गई। इन देशों में ब्रिटेन, इटली, मारीशस और ट्युनीशिया शामिल हैं।
सीबीआई ने कथित सौदे में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र रचने के लिए एसपी त्यागी के साथ ही 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। त्यागी के आवास के साथ ही 14 स्थानों पर छापे मारे गए थे।
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