
COVID-19 रोगियों को उपचार के रूप में दो एंटीवायरल दवाओं (Anti-Viral Medicines) का उपयोग करने के लिए सीबीआई जांच (CBI Investigation) की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दिया है. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने याचिकाकर्ता को कहा है कि दवा को सरकार से मंजूरी है.
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कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले खुद इसका अध्ययन करे और फिर कोर्ट आए. याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा ने कहा था कि दवा पहले ही बिना किसी क्लिनिकल परीक्षण के बेची जा रही है. याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा
ने कथित तौर पर वैध लाइसेंस के बिना COVID-19 रोगियों का इलाज करने वाली दवाओं के रूप में रेमेडेसिविर और फेविपिराविर के निर्माण और बिक्री के लिए भारतीय दवा कंपनियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा एक एफआईआर दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
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एमएल शर्मा द्वारा 10 फार्मा कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है और आरोप लगाया गया है कि वो कोविड के टीके के तौर पर 'मीडिया प्रचार' का उपयोग कर रही हैं और कोरोना के डर से रह रहे नागरिकों का शोषण कर रही हैं.
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