रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
खास बातें
- पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय ‘आरएसएस की शिक्षा’ को दिया था
- उन्होंने उनकी भी आलोचना की थी जिन्होंने सेना के अभियान के लिए सबूत मांगा
- मंत्री ने UPA के शासन में सर्जिकल स्ट्राइक के दावों को खारिज कर दिया था
पणजी: नियंत्रण रेखा के उस पार सेना द्वारा किए गए हमलों पर अपने बयान के लिए विभिन्न हलकों से आलोचना का सामना करने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि उन्होंने ‘स्ट्राइक’ शब्द का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है.
मंत्री को सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सितंबर में लक्षित हमले किए जाने को लेकर उनके बयानों के लिए विपक्ष से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
पर्रिकर ने सत्तारी तहसील में हेलिकॉप्टर इंजन के रख-रखाव इकाई के उद्घाटन के दौरान कहा, ‘मैं सभा को स्थानीय भाषा में संबोधित करना पसंद करूंगा. मुझे बमुश्किल स्थानीय भाषा में संबोधित करने का अवसर मिलता है. लेकिन मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं किसी विवादास्पद मुद्दे की चर्चा नहीं करूंगा. मैंने पहले ही हमला शब्द का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है.’
मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर के कार्यक्रम में भाषण देने के बाद उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘आपने श्रम मुद्दों का उल्लेख करते हुए अपने भाषण में (स्ट्राइक) शब्द का इस्तेमाल किया.’ गत 17 अक्टूबर को पर्रिकर ने नियंत्रण रेखा के उस पार लक्षित हमला करने का फैसला किए जाने के लिए ‘आरएसएस की शिक्षा’ को श्रेय दिया था.
उन्होंने उन लोगों की भी आलोचना की थी जिन्होंने सेना के आतंकवाद निरोधी अभियान के लिए सबूत मांगा. मंत्री ने यूपीए सरकार के शासनकाल में इस तरह का अभियान चलाए जाने के दावों को भी खारिज कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उनपर मुद्दे का ‘घोर राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया था.
पार्सेकर ने राज्य में रोजगार उन्मुख उद्योग लगाने का भी वादा किया लेकिन स्थानीय लोगों को कुछ तत्वों के खिलाफ आगाह किया था, जो श्रमिक अशांति का सहारा लेकर राजनैतिक फायदा लेने की कोशिश करते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)