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This Article is From Oct 09, 2020

हाथरस : लड़की का परिवार उसके अस्थि विसर्जन के लिए तैयार नहीं

पीड़ित परिवार का सवाल- लड़की के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया गया, पता नहीं कि यह उस लड़की की अस्थियां हैं या नहीं?

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हाथरस : लड़की का परिवार उसके अस्थि विसर्जन के लिए तैयार नहीं
हाथरस में लड़की का अंतिम संस्कार पुलिस ने किया था (फाइल फोटो).
लखनऊ:

Hathras Gang Rape and Murder: हाथरस में लड़की का शव ज़बर्दस्ती जला देने से नाराज़ परिवार ने अब उसकी अस्थियों का विसर्जन करने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि उसके अंतिम संस्कार में परिवार को शामिल नहीं होने दिया गया. उन्हें पता नहीं कि यह उस लड़की की अस्थियां हैं या नहीं. परिवार से मिलने आज वहां पहुंचीं मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने भी मामले की ज्युडीशियल इंक्वारी की मांग की. जब उस लड़की की चिता जली तो उसके सबसे करीबी वहां नहीं थे. घर वालों का आरोप है कि पुलिस (Police) ने उन्हें लड़की का शव नहीं दिया..खुद ही जला दिया. अब उन्हें पता नहीं कि किसकी अस्थियां उन्हें दी गई हैं. 

लड़की के भाई से पूछा कि क्या उन्होंने अस्थियां विसर्जित कर दी हैं? तो उन्होंने कहा कि ''जी नहीं विसर्जन अभी नहीं करेंगे. जब तक न्याय नहीं होगा..जब तक पूरी तरह से पता नहीं चल जाएगा कि यह मनीषा की अस्थियां हैं, तब तक हम नहीं करेंगे. न्याय हो जाए उसके बाद ही करेंगे.'' 

हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में 12 तारीख को मामले की सुनवाई है.परिवार का कहना है कि उनके परिवार के 5 लोग अदालत में हाज़िर होंगे. वे वहां अपनी तकलीफ़ बयान करेंगे. लड़की के भाई ने  कहा कि ''उन्होंने पूछा था कि आप लोग कौन-कौन जाने वाले हैं यहां से. तो हम लोग 5 सदस्य जाएंगे और कुछ रिश्तेदार भी जाएंगे.''

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी आज लड़की के घर पहुंचीं. उन्होंने करीब दो घंटे परिवार से बात करके मामले की जानकारी ली. उनका आरोप है कि यूपी में जातिवाद के कारण भी महिला हिंसा के मामले ज़्यादा होते हैं. इसकी एक मिसाल आरोपियों के समर्थन में वहां हुई सभाएं भी हैं.  

मेधा पाटकर ने कहा कि ''उत्तर प्रदेश में जो हुआ है..22 प्रतिशत महिलाओं पर बलात्कार जैसे अत्याचार यूपी में हुए हैं. क्यों यह बड़ा राज्य है, इसलिए नहीं. यहां एक इस प्रकार की जातिवादी भूमिका फैलाई जा रही है. अभी भी जो सामने वालों की जाति के आधार पर बैठक हुई वह बहुत ही दूर्देव है.''

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लड़की के गांव में फोर्स तैनात है. एडीजी राजीव कृष्ण और डीआईजी शलभ माथुर वहां सुरक्षा व्यवस्था और मामले की मॉनिटरिंग के लिए भेजे गए हैं. डीआईजी शलभ माथुर ने कहा कि ''और भी वरिष्ठ अधिकारी यहां पर आकर गए हैं. इसको नियमित रूप से देखा जा रहा है..आकस्मिक रूप से भी देखा जा रहा है. यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और साथ ही साथ अपने देखा होगा कि बैरियर ड्यूटी,शिफ्ट ड्यूटी और परिवारजनों के साथ स्टेबल ड्यूटी..हर ड्यूटी लगाई गई है. इन्हीं सब चीज़ों के निरीक्षण हेतु मैं यहां पर आया हूं.''

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