किसान विधेयक पर किसानों के बीच फैले असंतोष को लेकर केंद्र की एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुकीं हरसिमरत कौर (Harsimrat Kaur) ने अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाई है. कौर ने मंगलवार को एक ट्वीट कर राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वो विधेयकों पर हस्ताक्षर किए बिना लौटा दें.
मोदी सरकार में पूर्व खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'अकाली दल के बाद, अब 18 विपक्षी पार्टी किसान विधेयकों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंच चुके हैं. यह इस वक्त की जरूरत है. मैं राष्ट्रपति कोविंद जी से आग्रह करती हूं कि वो अन्नदाताओं की आवाज सुनें और केंद्र सरकार से इन विधेयकों पर उठे सवालों पर बात करने को कहें'
After @Akali_Dal_, now 18 opposition parties have approached Rashtrapati ji to return #FarmBills to parliament for reconsideration. This is the need of the hour. I appeal to President Kovind ji to heed the voice of the annadaata & urge the Union govt to address their concerns. pic.twitter.com/wqoVN1uDrS
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 22, 2020
बता दें कि हरसिमरत कौर ने पिछले हफ्ते अपने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. पंजाब और हरियाणा में इन विधेयकों के खिलाफ किसान आंदोलन काफी वक्त से आंदोलन कर रहे हैं. इसी महीने पुलिस ने किसानों पर लाठियां भी बरसाई थीं, जिसके बाद किसानों में गुस्सा भड़क गया था.
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किसानों के प्रदर्शन से अकाली दल दबाव आ गई थी, जिसके बाद सुखबीर बादल ने मोदी सरकार के इन बिलों का खुलेआम विरोध करना शुरू किया. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के दौरान उनकी पार्टी से सुझाव नहीं लिए गए थे. हरसिमरत कौर ने लोकसभा में बिल पास होने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था.
हालांकि, तीन विधेयकों में से दो विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास हो चुके हैं. अब उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा गया है, अगर वो इन पर हस्ताक्षर कर देते हैं तो ये कानून बन जाएंगे.
Video: मैं उस कानून का हिस्सा नहीं हो सकती जो किसान विरोधी हो : हरसिमरत कौर बादल
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