नई दिल्ली:
भारत के स्वदेश निर्मित बुनियादी प्रशिक्षक विमान ‘हिंदुस्तान टबरे ट्रेनर-40’(एचटीटी-40) ने मंगलवार को लंबे समय के बाद अपनी पहली उड़ान भरी। इस विमान का उद्देश्य तीनों सेनाओं के उड़ान भरने वाले सभी कैडेट के प्रथम स्तर के प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल में लाया जाना है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित एचटीटी-40 पिछले सप्ताह जमीनी दौड़ के चरण को पूरा कर चुका है।
एचटीटी-40 कार्यक्रम जहां संप्रग सरकार के दौरान लगभग खारिज कर दिया गया था, वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वायु सेना और एचएएल दोनों में ही प्रशिक्षक विमान के विकास की संभावनाएं तलाशीं।
सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज से जुड़े एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) मनमोहन बहादुर ने बताया, ‘‘यह अच्छी शुरुआत है क्योंकि चलो देर आए, दुरस्त आए। एचएएल को अच्छा कार्यक्रम प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि समय पर उड़ान परीक्षणों के लिए यह प्रमुख है।’’ पूर्व में वायु सेना ने रक्षा मंत्रालय से यह कहकर एचटीटी-40 के लिए वित्तपोषण बंद कर दिया था कि विमान बहुत महंगा और भारी होगा और उनकी जरूरत को पूरा नहीं करेगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित एचटीटी-40 पिछले सप्ताह जमीनी दौड़ के चरण को पूरा कर चुका है।
एचटीटी-40 कार्यक्रम जहां संप्रग सरकार के दौरान लगभग खारिज कर दिया गया था, वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वायु सेना और एचएएल दोनों में ही प्रशिक्षक विमान के विकास की संभावनाएं तलाशीं।
सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज से जुड़े एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) मनमोहन बहादुर ने बताया, ‘‘यह अच्छी शुरुआत है क्योंकि चलो देर आए, दुरस्त आए। एचएएल को अच्छा कार्यक्रम प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि समय पर उड़ान परीक्षणों के लिए यह प्रमुख है।’’ पूर्व में वायु सेना ने रक्षा मंत्रालय से यह कहकर एचटीटी-40 के लिए वित्तपोषण बंद कर दिया था कि विमान बहुत महंगा और भारी होगा और उनकी जरूरत को पूरा नहीं करेगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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