केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार ने रविवार को कहा कि 2002 के दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर अदालत का फैसला आने के बाद इस पर बहस की कोई जरूरत नहीं है।
कुछ दिन पहले उनके सहयोगी प्रफुल्ल पटेल ने ऐसी ही टिप्पणी की थी और ऐसे कयास लगाए जाने लगे थे कि राकांपा का रुख भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के प्रति नरम हो गया है।
पार्टी ने हालांकि कहा था कि मोदी के साथ उसकी विचारधारा को लेकर बुनियादी मतभेद हैं और उसके साथ गठबंधन को खारिज किया था।
इस बारे में एक सवाल के जवाब में राकांपा प्रमुख ने कहा, 'अगर अदालत ने अपना फैसला दे दिया है, तो इस पर किसी तरह की बहस का सवाल नहीं उठता। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और इस पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए।'
पवार से पटेल के उस बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि गोधरा बाद के दंगों में मोदी के कथित तौर पर शामिल होने के बारे में अदालत के फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए।
पटेल ने कहा था कि किसी मुद्दे पर न्याय पाने का अंतिम रास्ता न्यायिक प्रणाली है और न्यायिक प्रणाली ने कोई फैसला दिया है तो हमें इसका सम्मान करना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले एक मराठी दैनिक में पवार और मोदी के बीच गुप्त बैठक की बात सामने आई थी।
बहरहाल, राकांपा नेता तारिक अनवर ने कहा कि मोदी के साथ विचारधारा के स्तर पर मतभेद हैं और उनके साथ गठबंधन का कोई प्रश्न नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह बात हम पार्टी के गठन के पहले दिन से कहते रहे हैं कि मोदी और भाजपा से गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है।
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