सेना के टॉप कमांडरों की संयुक्त कॉन्फ्रेंस (Commander conference) गुरुवार से गुजरात (Gujarat) के केवड़िया में शुरू होने जा रही है. इस कॉन्फ्रेंस को शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) संबोधित करेंगे. इसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, एनएसए अजित डोभाल समेत थल सेना के प्रमुख मनोज मुकंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह भी शामिल होंगे. पहली बार कॉन्फ्रेंस के एक सेशन में जवान भी हिस्सा लेंगे. पहली बार इतने बड़े अफसरों के सामने जवान खुलकर चर्चा करेंगे.अब तक सलाना होने वाले इस कांफ्रेस में सेना के तीनों अंगो के कमांडर इन चीफ लेवल के अधिकारी ही भाग लेते थे.
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनातनी और पाकिस्तान के साथ सीमा पर टकराव को देखते हुए यह कॉन्फ्रेंस काफी अहम हो जाती है. हलांकि चीन की सेना पेगोंग लेक ,हॉट स्पिंग और गोगरा जैसे इलाके में पीछे तो हटी है पर पूरी तरह अपनी पुरानी जगह पर नही लौटी है . लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक सीमा पर तनाव बना हुआ है . वही पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने डीजीएमओ लेवल बयान में एलओसी का सम्मान करने की बात कही है लेकिन वह शायद ही खरा उतरे .
प्रधानमंत्री चीन और पाकिस्तान के मोर्चे पर सेना के हालात का जायजा लेंगे. सेना के कामकाज से लेकर ऑपरेशन्स जैसे तमाम मामलों पर भी बात होगी . देश के अंदरुनी हालात का मूल्यांकन किया जाएगा और मौजूदा चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर चर्चा होगी.
सन 2014 से पहले यह कॉन्फ्रेंस दिल्ली के साउथ ब्लॉक में होती थी लेकिन जब पीएम मोदी पहली बार 2014 में साउथ ब्लॉक में कमांडरों को संबोधित किया तो उन्होंने यह सुझाव दिया कि आगे से ऐसे कांफ्रेस दिल्ली के बजाए ऑपरेशनल बेस में हुआ करें . इसके बाद यह कांफ्रेस आईएनएस विक्रमादित्य पर , इंडिया मिलेट्री अकादमी देहरादून में और जोधपुर के एयरबेस में यह कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई हैं.
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