अगुस्ता के जवाब में कांग्रेस जीएसपीसी घोटाले में बीजेपी को घेरने की तैयारी में

अगुस्ता के जवाब में कांग्रेस जीएसपीसी घोटाले में बीजेपी को घेरने की तैयारी में

प्रतीकात्मक फोटो

अहमदाबाद:

सारे विवाद की जड़ कृष्णा-गोदावरी बेसिन में गैस भंडार का खनन है। कांग्रेस का आरोप है कि इस पूरे गैस भंडार के खनन में 20000 करोड़ का गुजरात सरकार ने घोटाला किया है। कांग्रेस को लग रहा है कि इस घोटाले को लेकर वह खुद नरेन्द्र मोदी को घेर सकती है। इसीलिए गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले में जांच के लिए शनिवार को राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया।

हजारों करोड़ का घोटाला
इस घोटाले के मामले के तथ्यों को देखें तो केजी बेसिन में खनन का अधिकार गुजरात सरकार की कम्पनी गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कार्पोरेशन (जीएसपीसी) को 2003 में मिला। उस वक्त केन्द्र और गुजरात दोनों ही जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। मार्च 2003 में ही जीएसपीसी ने विदेश की कम्पनी जियोग्लोबल रिसोर्सेस के साथ एक समझौता किया जिसमें 10 प्रतिशत हिस्सा उसे दिया गया। आरोप है कि जियोग्लोबल का इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं था फिर भी उसे बिना किसी टेंडर के इसमें हिस्सेदार बनाया गया। इतना ही नहीं गैस ड्रिलिंग में होने वाले खर्च का जियोग्लोबल का हिस्सा भी जीएसपीसी ने ही वहन किया। अब तक गुजरात सरकार को इस खर्च का 2000 करोड़ जियोग्लोबल से नहीं मिला है।

स्वतंत्र जांच चाहती है कांग्रेस
जब जियोग्लोबल को पहला कान्ट्रेक्ट मिला तब उसके एक शेयर की कीमत 0.001 डॉलर थी जो कान्ट्रेक्ट मिलने के कुछ ही समय में 15,000 गुना बढ़कर करीब 15 डॉलर हो गई। कांग्रेस का आरोप है कि जियोग्लोबल को काम देकर उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार किया है। और जियोग्लोबल ने बाद में अपने हिस्से का 50 प्रतिशत मॉरीशस की कम्पनी को दे दिया। कांग्रेस चाहती है कि इसकी स्वतंत्र जांच हो ताकि इस पूरे सौदे से किसे आर्थिक लाभ हुआ, यह जाना जा सके। क्यों प्रक्रिया को तोड़कर इस कम्पनी को कान्ट्रेक्ट दिया गया इसकी भी जांच हो।

चार साल में गैस उत्पादन शुरू नहीं हो सका
गौरतलब है कि पिछले 4 सालों में केजी बेसिन में ड्रिलिंग और रिसर्च के खर्च के लिए 19,400 करोड़ रुपये लोन लिया गया, इसके बावजूद यहां अब तक गैस का कमर्शियल उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है। जल्द उत्पादन की उम्मीद भी नहीं है। इसे लेकर राज्य के सीएजी ने भी  गुजरात सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। लेकिन राज्य की भाजपा सरकार का दावा है कि इस पूरी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं हुआ और उसकी सभी प्रक्रिया पर यूपीए सरकार की मुहर भी लगी है।

संसद में भाजपा को घेरने की तैयारी
कांग्रेस को लग रहा है कि जब अगुस्ता सौदे को लेकर उसके नेताओं पर सवाल उठ रहे हैं तब जीएसपीसी घोटाले को लेकर खुद प्रधानमंत्री पर हमला बोलने से यह जवाबी आक्रमण किया जा सकेगा। यह मामला सदन में भी अगले सप्ताह उठना है। देखना है इस पर अब सदन में किस तरह का हंगामा होता है। कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा को घेर पाती है या नहीं।


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