दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण मानदंडों का घोर उल्लंघन हुआ : सुप्रीम कोर्ट में केंद्र

हलफनामे में में कहा गया है कि विशेष रूप से दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के लिए खरीद प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी.

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण मानदंडों का घोर उल्लंघन हुआ : सुप्रीम कोर्ट में केंद्र

सुप्रीम कोर्ट की एक तस्वीर

नई दिल्ली :

दिल्ली- NCR में प्रदूषण के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि फ्लाइंग स्क्वॉड द्वारा कड़े निरीक्षण के परिणाम स्वरूप दिल्ली-NCR(दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान) में वायु प्रदूषण मानदंडों के घोर उल्लंघन की पहचान हुई है. इंफोर्समेंट टास्क फोर्स ने उल्लंघन के मामलों में क्लोजर नोटिस जारी किए हैं. फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा 1,534 स्थलों का निरीक्षण किया गया और कुल 228 स्थलों को बंद करने का नोटिस जारी किया है.  

उसमें कहा गया है, सबसे अधिक उल्लंघन औद्योगिक क्षेत्र से होते हैं, जो विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान वायु प्रदूषण में एक प्रमुख योगदान देने वाला क्षेत्र है. उपलब्धता के बावजूद PNG  (पाइप्ड नेचुरल गैस) पर स्विच नहीं करने वाले उद्योगों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया है. साथ ही राज्य सरकारों को PNG /स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने के लिए उद्योगवार समय-सीमा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है. यूपी सरकार के अनुरोध के बाद चीनी उद्योगों को नियमित घंटों के लिए चलने की अनुमति दी गई है, उनको सप्ताह के पांच दिन 8 घंटे के प्रतिबंध से छूट दी गई है. इसके लिए फसल चक्र का समय, पेराई का मौसम और औद्योगिक संचालन की तकनीकी आवश्यकताओं पर विचार किया गया.

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साथ ही गया है, गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले कुल 7,673 ट्रकों को दिल्ली के सभी प्रवेश बिंदुओं पर रोक दिया गया है. बंद किए जा सकने वाले ताप विद्युत संयंत्रों की संख्या में और इजाफा नहीं किया जा सकता. यहां तक ​​कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में छह संयंत्रों को बंद करना भी बिजली के परिदृश्य को देखते हुए 15 दिसंबर के बाद संभव नहीं होगा. 

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हलफनामे में में कहा गया है कि विशेष रूप से दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के लिए खरीद प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. IIT-M और IMD के साथ वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान मॉडल को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निर्माण परियोजनाओं आदि की दूरस्थ निगरानी के उद्देश्य से विभिन्न राज्यों में वेब पोर्टल शुरू करने का प्रस्ताव है. आयोग का बायो डीकंपोजर (पराली का प्रबंधन करने के लिए) की प्रभावशीलता बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने और अगले खरीफ सीजन में इसके व्यापक आवेदन की योजना बनाने का इरादा  है. 

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