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This Article is From Oct 15, 2016

तीन तलाक पर केंद्र का रुख संविधान के साथ पूरी तरह सटीक बैठता है : रवि शंकर प्रसाद

तीन तलाक पर केंद्र का रुख संविधान के साथ पूरी तरह सटीक बैठता है : रवि शंकर प्रसाद
रवि शंकर प्रसाद का फाइल फोटो...
देहरादून: केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि तीन तलाक पर उसका रुख संविधान की भावना के साथ पूर्णत: सटीक बैठता है, जो लैंगिग समानता और न्याय के सिद्धांत पर आधारित है.

केंद्र ने सात अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय में मुस्लिमों में तीन तलाक के चलन का यह कहते हुए विरोध किया था कि इसे धर्म के अनिवार्य हिस्से के तौर पर नहीं माना जा सकता है.

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज यहां पत्रकारों से कहा, 'तीन तलाक पर हमारा रुख उच्चतम न्यायालय के सवाल के जवाब में आया था. वह भारत के संविधान में स्थापित लैंगिग न्याय, समानता और गरिमा के सिद्धांत के पूर्णत: मुताबिक है'. देश में तीन तलाक पर चल रही बहस का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में महिलाओं के एक बड़े तबके की स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए क्या उन्हें असुरक्षित हालात में रखना चाहिए'.

प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक के प्रावधान पर इस तथ्य की रोशनी में विचार करना चाहिए कि यह कई देशों के साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, मोरक्को, मिस्र, ईरान और सूडान सहित कम से कम एक दर्जन देशों में अस्तित्व में नहीं है या कानून द्वारा नियमित किया जाता है.

एक सवाल के जवाब में कि क्या यह देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की भाजपा की मंशा को नहीं जताता? कानून मंत्री ने कहा कि यह दो अलग-अलग मुद्दे हैं.

उन्होंने कहा कि विधि आयोग समान नागरिक संहिता पर चर्चा कर रहा है और तीन तलाक पर हमारे रुख का उससे कुछ लेना-देना नहीं है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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