नक्सलियों के खिलाफ ये रडार जल्द ही ऑपरेशंस में इस्तेमाल किए जाएंगे. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुकमा हमले के दो दिनों के बाद CRPF को नया डीजी मिल गया है. 1983 बैच के सीनियर IPS अफसर राजीव राय भटनागर को CRPFका डीजी बनाया गया है. राजीव राय कार्यकारी डीजी सुदीप लखटकिया की जगह लेंगे. फ़िलहाल राजीव राय भटनागर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी के पद पर कार्यरत हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार जल्द ही नक्सल ऑपरेशनों के लिए फोलिएज पैनिट्रेटिंग रडार यानि ऐसा रडारयुक्त कैमरा जो घने जंगलों में छिपे हुए नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी सुरक्षा बलों दे सकेगा, ख़रीदने जा रही है. एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक़, ये रडार जल्द ही ऑपरेशंस में इस्तेमाल किए जाएंगे. इनके ज़रिए सुरक्षा बलों को घने जंगलों की तस्वीरें भी साफ़ तरह से दिखेंगी, जिसके चलते उन्हें नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशंस में मदद मिलेगी.
एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी को बताया कि "आतंकियों के खिलाफ इस तरह के रडार का इस्तेमाल पश्चिमी देशों में और इजरायल में काफी कामयाब रहा है." बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस बारे में जानकारी गृह मंत्री को भी दी. गुरुवार को सीआरपीएफ़ सुकमा हादसे की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपने जा रहा है.
कैसे काम करेगा ये रडार
1. रडार को अलग-अलग लोकेशन पर फिट किया जाएगा.
2. रडार को एक सेन्ट्रल मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा.
3. रडार किसी भी मूवमेंट को पकड़ने के साथ ही उस जगह की इमेज और वीडियो बनाकर सीधा कंट्रोल रूम तक पहुंचाएगा.
4. इस तकनीक के सहारे नक्सलियों की लोकेशन और संख्या के साथ-साथ उनके पास मौजूद हथियार और गोला-बारूद की जानकारी भी कंट्रोल रूम को देगा.
एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी को बताया कि "आतंकियों के खिलाफ इस तरह के रडार का इस्तेमाल पश्चिमी देशों में और इजरायल में काफी कामयाब रहा है." बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस बारे में जानकारी गृह मंत्री को भी दी. गुरुवार को सीआरपीएफ़ सुकमा हादसे की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपने जा रहा है.
कैसे काम करेगा ये रडार
1. रडार को अलग-अलग लोकेशन पर फिट किया जाएगा.
2. रडार को एक सेन्ट्रल मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा.
3. रडार किसी भी मूवमेंट को पकड़ने के साथ ही उस जगह की इमेज और वीडियो बनाकर सीधा कंट्रोल रूम तक पहुंचाएगा.
4. इस तकनीक के सहारे नक्सलियों की लोकेशन और संख्या के साथ-साथ उनके पास मौजूद हथियार और गोला-बारूद की जानकारी भी कंट्रोल रूम को देगा.
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