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This Article is From Jan 10, 2014

सरकार ने टीवी रेटिंग एजेंसियों के लिए व्यापक नियामक रूपरेखा को मंजूरी दी

नई दिल्ली:

देश में टीवी चैनलों की रेटिंग प्रणाली में विसंगतियों को दूर करने और पारदर्शी, विश्वसनीय और जवाबदेह रेटिंग प्रणाली बनाने के मकसद से सरकार ने शुक्रवार को भारत में टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए दिशानिर्देशों जारी किए।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिशानिर्देशों के रूप में एक व्यापक नियामक रूपरेखा बनाने के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर किए जाने की संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि नए दिशानिर्देशों में रेटिंग एजेंसियों के पंजीकरण की विस्तृत प्रक्रिया, योग्यता नियम, पंजीकरण के लिए नियम-शर्तों, दर्शकों की संख्या मापने के लिए पद्धति, एक शिकायत निवारण प्रणाली, रेटिंग का उपयोग, आडिट आदि शामिल होंगे।

यह प्रस्ताव भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशों पर आधारित है जो उसने पिछले साल 11 सितंबर को दी थीं।

नए दिशानिर्देशों के अनुसार मौजूदा रेटिंग एजेंसियों समेत सभी एजेंसियां सूचना और प्रसारण मंत्रालय से पंजीकरण कराएंगी। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि रेटिंग में प्रौद्योगिकी से प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और इनमें केबल टीवी, डीटीएच आदि सभी तरह के प्लेटफॉर्म से आंकड़े लिए जाएंगे।

तिवारी ने स्पष्ट किया कि टीआरपी पर सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा, ऐसा करने वाली एजेंसियों को केवल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पंजीकरण कराना होगा।

दिशानिर्देशों के मुताबिक दर्शकों की संख्या मापने के लिए पैनल वाले घरों को उन घरों के पूल में से छांटा जाएगा जो एक सर्वेक्षण के जरिये चुने गये हैं। दिशानिर्देश प्रभाव में आने के छह महीने के भीतर 20,000 के न्यूनतम पैनल को लागू करना होगा। इसके बाद हर साल पैनल का आकार 10,000 के साथ बढ़ाया जाएगा और इसे 50,000 तक पहुंचाया जाएगा। कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार पैनल (टीआरपी मीटर) वाले घरों की गोपनीयता बनाये रखनी होगी। हर साल 25 प्रतिशत घरों को बदला जाएगा।

रेटिंग मापने वाली एजेंसी अपनी विस्तृत पद्धति सरकार को जमा करेगी और इसे अपनी वेबसाइट पर भी जारी करेगी।

तिवारी ने बताया कि रूपरेखा के अनुसार रेटिंग एजेंसी एक आंतरिक ऑडिट प्रणाली बनाएगी जिसके जरिये हर तिमाही उसकी पूरी पद्धति या प्रक्रिया का आंतरिक लेखा परीक्षण होगा। सालाना स्तर पर एक स्वतंत्र ऑडिटर से भी ऑडिट कराना होगा।

उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी की प्रणाली, प्रक्रियाओं के ऑडिट का अधिकार सरकार तथा ट्राई के पास सुरक्षित होगा। सरकार नोटिस देकर ऐसी कंपनियों का निरीक्षण कर सकती है।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी रेटिंग एजेंसी में एफडीआई की अनुमति नहीं होगी।

पद्धति, गोपनीयता, ऑडिट, सार्वजनिक खुलासों आदि के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर पहली बार में कंपनी द्वारा जमा की गयी एक करोड़ रपये की दो बैंकों की गारंटी को जब्त कर लिया जाएगा और दूसरी बार ऐसा होने पर एजेंसी का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। अधिसूचना जारी होने की तारीख से दिशानिर्देश प्रभाव में आएंगे।

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