नई दिल्ली:
सेना प्रमुख वीके सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के लीक होने से व्यथित सरकार के पास उन्हें (सेना प्रमुख को) जबरन अवकाश पर जाने को कहना एक विकल्प हो सकता है। दरअसल, इस पत्र में देश की रक्षा तैयारियों की कमियां बतायी गयी हैं।
अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक मंत्री ने बताया कि सरकार के पास अभी सिर्फ दो विकल्प हैं..‘‘सेना प्रमुख को उनके सेवानिवृत होने तक बर्दाश्त किया जाए या उन्हें अवकाश पर जाने को मजबूर करे।’ वह दो महीने बाद सेवानिवृत होने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सेना प्रमुख के कदम से व्यथित तो हैं लेकिन सरकार कोई कठोर कदम उठाने के बारे में नहीं सोच रही क्योंकि वह इस मुद्दे को किसी अधिकारी से जोड़ कर नहीं बल्कि पद से जोड़कर देख रही है।
एक अन्य वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि बर्खास्तगी से भी परहेज नहीं किया जा सकता। जनरल ने प्रधानमंत्री को सीधे पत्र लिखकर और रक्षा मंत्री के माध्यम से अपनी बात नहीं रख कर सेना के अनुशासन को भंग किया है। जनरल सिंह ने अपने उम्र विवाद के मुद्दे पर भी ऐसा ही किया था।
अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक मंत्री ने बताया कि सरकार के पास अभी सिर्फ दो विकल्प हैं..‘‘सेना प्रमुख को उनके सेवानिवृत होने तक बर्दाश्त किया जाए या उन्हें अवकाश पर जाने को मजबूर करे।’ वह दो महीने बाद सेवानिवृत होने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सेना प्रमुख के कदम से व्यथित तो हैं लेकिन सरकार कोई कठोर कदम उठाने के बारे में नहीं सोच रही क्योंकि वह इस मुद्दे को किसी अधिकारी से जोड़ कर नहीं बल्कि पद से जोड़कर देख रही है।
एक अन्य वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि बर्खास्तगी से भी परहेज नहीं किया जा सकता। जनरल ने प्रधानमंत्री को सीधे पत्र लिखकर और रक्षा मंत्री के माध्यम से अपनी बात नहीं रख कर सेना के अनुशासन को भंग किया है। जनरल सिंह ने अपने उम्र विवाद के मुद्दे पर भी ऐसा ही किया था।
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Government On Army Chief Move, PM Manmohan Singh, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सेना प्रमुख की चिट्ठी, सरकार नाराज़