चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर सेना की निगरानी क्षमता को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने इस्राइल निर्मित 15 मानव रहित विमान (यूएवी) खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसपर 1,200 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हाल ही में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में हेरॉन यूएपी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
उन्होंने कहा कि 1200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव के तहत इस्राइल में बना हेरॉन यूएवी खरीदा जाएगा और इसे देश के पूर्वी एवं पश्चिमी सेक्टर में तैनात किया जाएगा।
बल के पास अभी इस तरह के 40 विमान है और इसे आने वाले समय में और उन्नत बनाया जाएगा।
भारतीय वायुसेना टोही एवं निगरानी कार्यो के लिए इस्राइल निर्मित सर्चर 2 और हेरॉन यूएवी का उपयोग करती है। देश के पश्चिमी, पूर्वी एवं उत्तरी सीमा पर 100 टोही विमान परिचालन में हैं। ऐसे नए विमानों को शामिल किये जाने के बाद वायु सेना को काफी दूर से इन विमानों का परिचालन करने और संचार उपग्रह प्रणाली के जरिये उनका नियंत्रण करने की क्षमता हासिल हो जाएगी।
सेना में अच्छी खासी संख्या में यूएवी परिचालन में हैं और इन्हें पश्चिमी एवं पूर्वी मोर्चे पर तैनात किया गया है।
सेना में सबसे पहले 1990 के दशक में सर्चर एक और सर्चर दो यूवीए को शामिल किया गया है जो 15 हजार फुट की ऊंचाई तक परिचालन कर सकता है, जबकि हेरॉन 30 हजार फुट की ऊंचाई तक परिचालन कर सकता है।
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