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This Article is From Sep 05, 2015

OROP लागू करने का स्वागत, लेकिन हम पूरी तरह संतुष्ट नहीं : पूर्वसैनिक

OROP लागू करने का स्वागत, लेकिन हम पूरी तरह संतुष्ट नहीं : पूर्वसैनिक
नई दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना की लड़ाई लड़ रहे पूर्व सैनिकों ने शनिवार को कहा कि वे इस मुद्दे पर सरकार की घोषणा से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि उनकी सभी मांगें नहीं मानी गई हैं।

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की घोषणा के तुरंत बाद अभियान की अगुवाई कर रहे मेजर जनरल सतबीर सिंह ने जंतर-मंतर पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'हम सरकार द्वारा ओआरओपी लागू करने का स्वागत करते हैं, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि पूर्वसैनिकों की सभी छह मांगें स्वीकार नहीं की गई हैं।'

उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन की भावी रणनीति पर निर्णय शाम को लिया जाएगा। सिंह ने कहा, 'रक्षामंत्री ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सैनिकों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। अगर ऐसा होता है तो हमारे रक्षा बलों के लिए यह एक बड़ा धक्का होगा, क्योंकि 40 प्रतिशत से अधिक सैनिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हैं।'

इसके अलावा विवाद का एक अन्य कारण एक सदस्यीय समिति भी है, जो छह माह के भीतर अपनी रपट पेश करेगी। सिंह ने कहा, 'हमने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि अगर समिति गठित होती है तो यह पांच सदस्यीय समिति होनी चाहिए, जिसमें तीन सदस्य पूर्वसैनिक होने चाहिए और एक रक्षा सेवा का सदस्य होना चाहिए। पांचवें सदस्य की सिफारिश सरकार को करनी चाहिए।'

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