भारत आकर खुश है गीता, अपने परिवार के मिलने का कर रही इंतजार

भारत आकर खुश है गीता, अपने परिवार के मिलने का कर रही इंतजार

फाइल फोटो

इंदौर:

पाकिस्तान से 15 साल बाद भारत लौटी मूक-बधिर गीता यहां खुश है। वह इशारों में अपनी खुशी का इजहार करती है। साथ ही दावा करती है कि उसे अब भी अपना घर और माता-पिता की शक्ल याद हैं। उसे अपने परिवार मिलने का इंतजार है।

गीता 26 अक्टूबर को पाकिस्तान से अपने वतन लौटी है। उसे इन दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित मूक-बधिर संस्थान में रखा गया है। संस्थान में पहुंचने के बाद शुक्रवार को गीता संवाददाताओं से रूबरू हुई। उसने संवाददाताओं के सवालों के इशारों में जवाब दिए। उन इशारों को शब्द दिए संस्थान की संचालक मोनिका पंजाबी ने। गीता ने बताया कि वह यहां आकर खुश है, उसे सभी का स्‍नेह मिल रहा है। वह पाकिस्तान में जरूर उदास रहती थी, मगर यहां ऐसा नहीं है। अब वह अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहती है।

तीन परिवार कर चुके बेटी होने का दावा
गीता के परिवार का अब तक पता नहीं चल पाया है। तीन परिवार गीता को अपनी बेटी होने का दावा कर चुके हैं, मगर गीता ने सभी को नकार दिया। अब गीता का कहना है कि उसे अपने घर का पूरा नक्शा (मैप) याद हैं। उसके घर के करीब प्रसूतिगृह, चाय की दुकान और एक पेड़ हैं। साथ ही उसे अपने माता-पिता की शक्ल याद है। जहां उसका घर है, वहां चावल और गन्ने की खेती होती है।

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गीता से मिलने 23 को इंदौर पहुंचेंगी सुषमा स्‍वराज
 मौके पर मौजूद जिलाधिकारी पी. नरहरि ने बताया कि जो भी परिवार गीता को 'अपनी' बता रहे हैं, उनका विवरण विदेश मंत्रालय को भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक संस्था गीता को अमिताभ बच्चन के एक कार्यक्रम में ले जाना चाहती थी, मगर उसे स्वीकृति नहीं दी गई। गीता के परिवार को खोजने की पूरी कोशिश की जा रही है। उसका स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 23 नवंबर को गीता से मिलने इंदौर आने का कार्यक्रम है।