अरविंद केजरीवाल ने दी मेयरों को मीठी गोली

अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

महीने भर की चिट्ठी-पत्री के बाद शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के तीनों मेयरों को मिलने का समय दिया। वक्त सुबह 11 बजे का मुकर्रर हुआ। तयशुदा टाइम पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर योगेंद्र चंदौलिया, पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मीनाक्षी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर खुशी राम पहुंच गए।

सफेद शर्ट पहने अरविंद केजरीवाल के साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया भी मेयरों से मिले। हालांकि मुलाकात में औपचारिक गर्मजोशी दिखी, लेकिन पैसे देने की बात पर मुख्यमंत्री का रुख ठंडा ही रहा। सबसे ज्यादा आर्थिक कंगाली से जूझ रही पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयरों ने फंड की बात जैसे ही उठाई। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के खजाने का 4 हजार करोड़ का घाटा बता दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार वैसे ही घाटे में चल रही है। निगम के फंड के लिए उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली का दरवाजा दिखा दिया।

बकौल योगेंद्र चंदौलिया के मुख्यमंत्री ने फंड के नाम पर मीठी गोली दे दी।

बातें अच्छी-अच्छी कीं, चाय भी पिलाई, लेकिन तीनों नगर निगम को करीब 1400 करोड़ का फंड देने में असमर्थता जाहिर कर दी। पूर्वी दिल्ली निगम की मेयर मीनाक्षी और डिप्टी मेयर रामप्रसाद दुबे तो यहां तक कहते हैं कि अगर फंड देने में आनाकानी की तो सचिवालय में धरना प्रदर्शन तक करने से नहीं चूकेंगे।

दरअसल तीनों नगर निगम में केवल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का ही खजाना 600 करोड़ सरप्लस है, बाकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 900 करोड़ चाहिए और उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने तुरंत 300 करोड़ रुपये की मांग की है। योगेंद्र चंदौलिया का कहना है कि अगर दिल्ली सरकार चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशें मान ले तो ये वित्तीय संकट सुलझ सकता है। लेकिन अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वो खुद केंद्र सरकार से फंड की मांग करेंगे।

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जबकि केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सीधे किसी निगम को फंड ट्रांसफर नहीं कर सकता है। जाहिर तौर पर दिल्ली की सरकार आम आदमी पार्टी के हाथ में है और दिल्ली नगर निगम में बीजेपी काबिज है। इसी के चलते फंड का ये मामला सुलझने के बजाय उलझ ज्यादा रहा है।