सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Ex PM Rajiv Gandhi) हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन की पैरोल अवधि एक हफ्ते औऱ बढ़ा दी है. शीर्ष अदालत पेरारीवलन की रिहाई की याचिका पर सुनवाई कर रही है.याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को पेरारिवलन (Perarivalan) की पैरोल एक हफ्ते और बढ़ाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने तमिलनाडु (Tamilnadu) सरकार से कहा कि जब वह चिकित्सा जांच के लिए जाए तो पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
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वहीं CBI ने SC को बताया है कि पेरारिवलन को रिहा करने में उसकी कोई भूमिका नहीं है. यह तमिलनाडु के राज्यपाल और याचिकाकर्ता के बीच एक मुद्दा है और सीबीआई की इसमें कोई भूमिका नहीं है. जांच एजेंसी का कहना है कि पेरारिवलन को रिहा करने का फैसला राज्यपाल को लेना है.मल्टी डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी पेरारिवलन की भूमिका की जांच नहीं कर रही क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा की पुष्टि की है. सीबीआई, जो एमडीएमए का हिस्सा है, ने पेरारिवलन की मां की याचिका पर शीर्ष अदालत से नोटिस जारी करने के बाद यह हलफनामा दायर किया है.
राज्यपाल के पास लंबित याचिका
राजीव गांधी हत्याकांड में पेरारिवलन और अन्य दोषियों की रिहाई के लिए राज्य सरकार की सिफारिश राज्यपाल के पास लंबित है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हत्यारे पेरारिवलन की दया याचिका राज्यपाल के पास दो साल से लंबित रहने पर नाराजगी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं. लेकिन हम इस बात से खुश नहीं हैं कि यह सिफारिश दो साल से लंबित है. कोर्ट ने बताया कि हमें बताएं कि कानून और मामले क्या हैं जो हमें ऐसा करने की अनुमति दे सकते हैं.
शत्रुघ्न चौहान के फैसले को देखें
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि शत्रुघ्न चौहान के फैसले को देखें, कुछ शोध करें और हमें बताएं. अदालत ने तमिलनाडु सरकार से कहा था कि राज्यपाल को इतना समय क्यों लग रहा है? क्या आप उन्हें नहीं बता सकते? तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि यह बड़ी साजिश का मामला है, राज्यपाल सीबीआई की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़ी साजिश केवल अन्य व्यक्तियों के शामिल होने से संबंधित है. मामले की फाइल में देखें.
पेरारिवलन के वकील ने लगाई गुहार
पेरारिवलन के वकील ने कहा था कि संविधान पीठ का फैसला SC को हस्तक्षेप करने की अनुमति देता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार गवर्नर से एक बार फिर सिफारिश करे या पहले की गई सिफारिश पर गवर्नर फैसला लें. वहीं तमिलनाडु सरकार ने आरोप लगाया कि उसकी सिफारिश पर गवर्नर ने दो साल से कोई फैसला नहीं लिया है.
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