पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा की सीटों को 543 से बढ़ाकर 1000 करने और राज्यसभा की सीटों में भी इजाफे की वकालत की है. प्रणब मुजर्खी ने कहा कि भारत में निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए निर्वाचन क्षेत्र अनुपातहीन रूप से बड़ा है. दूसरा अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान देते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा की क्षमता को 1977 में संशोधित किया गया था जो 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया था और उस वक्त आबादी 55 करोड़ थी. उन्होंने कहा कि आबादी तब से दोगुने से ज्यादा बढ़ गई है और परिसीमन कवायद पर लगी रोक को हटाने के लिए यह मजबूत दलील है.
उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से इसे बढ़ाकर 1000 कर दिया जाना चाहिए. इंडियन फाउंडेशन की ओर से आयोजित व्याख्यान में मुखर्जी ने वाजपेयी की आम सहमति बनाने वाले नेता के तौर पर तारीफ की. मुखर्जी ने कहा कि वाजपेयी ने सबको साथ लेकर काम किया. उन्होंने कहा कि 1952 से लोगों ने अलग-अलग पार्टियों को मजबूत जनादेश दिया है लेकिन कभी भी एक पार्टी को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं दिए हैं. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, 'चुनावों में बहुमत आपको एक स्थिर सरकार बनाने का अधिकार देता है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं