पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह बोले, हम वीर सावरकर के खिलाफ नहीं, लेकिन उनकी विचारधारा...

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) ने कहा कि कांग्रेस सावरकर की विचारधारा के खिलाफ है.

पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह बोले, हम वीर सावरकर के खिलाफ नहीं, लेकिन उनकी विचारधारा...

मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस सावरकर की विचारधारा के खिलाफ है.

मुंबई:

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस वीर सावरकर की विचारधारा के खिलाफ है. उन्होंने कहा,‘सावरकर जी ने जिसे संरक्षण दिया और जिसका समर्थन करते रहे' कांग्रेस उसके पक्ष में नहीं है. डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने कहा कि इंदिरा गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री सावरकर (Veer Savarkar) की याद में डाक टिकट जारी किया था. हम सावरकर जी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वे (सावरकर) खड़े थे. आपको बता दें कि महाराष्ट्र बीजेपी द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में सावरकर को भारत रत्न दिये जाने की मांग को उठाने के बाद इस मसले पर सियासी घमासान छिड़ गया है.

इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘राजग, भाजपा सरकार सावरकर को भारत रत्न क्यों देना चाहती है, गोडसे को क्यों नहीं? गांधी की हत्या में सावरकर पर जहां आरोपपत्र दायर हुआ और बाद में वह बरी हो गए वहीं गोडसे को दोषी ठहराया गया और फांसी पर लटकाया गया. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अगर आप उनकी याद को मिटाना चाहते हैं तो यह भी कर दीजिए.' 

वीर सावरकर ने ही 1857 की क्रांति को 'स्वतंत्रता संग्राम' का नाम दिया : अमित शाह

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दूसरी तरफ, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अगर वीर सावरकर नहीं होते तो 1857 की क्रांति इतिहास में महज विद्रोह के नाम से जानी जाती. वाराणसी में एक कार्यक्रम में शाह ने सावरकर को श्रद्धांजलि देते हुए भारत के दृष्टिकोण से इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता पर बल दिया.  शाह ने कहा, 'अगर वीर सावरकर नहीं होते तो 1857 की क्रांति इतिहास नहीं बन पाती और हम इसे अंग्रेजों की दृष्टि से देखते.' उन्होंने कहा, 'सावरकर ने ही 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को ‘क्रांति' का नाम दिया अन्यथा हमारे बच्चे इसे विद्रोह के नाम से जानते.' (इनपुट-भाषा से भी)