पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी.
नई दिल्ली:
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली हाईकोर्ट में आरोप लगाया कि अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी ने जघन्य अपराध किया है जो ‘‘देश को शर्मसार करता है.’’ इसने कहा कि निचली अदालत द्वारा उन्हें जमानत देने का आदेश ‘‘अवैध’’ है.
त्यागी की जमानत को चुनौती देने वाली एजेंसी ने न्यायमूर्ति आईएस मेहता के समक्ष दावा किया कि यह एक गंभीर मामला है और आरोपी उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में विलंब की कोशिश कर रहा है. मामले में संलिप्त कई अन्य लोग चाहते हैं कि वह जेल से बाहर रहे.
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, ‘‘यह एक गंभीर मामला है जो देश को शर्मसार करता है. आरोपी (त्यागी) जिस आधार पर जमानत पर जेल से बाहर है, वह जमानत आदेश में देख सकते हैं. वह एक आदेश के आधार पर जेल से बाहर है जो अवैध है. निचली अदालत का आदेश साक्ष्य के विपरीत है.’’
त्यागी के वकील ने अभिवेदनों का विरोध करते हुए दावा किया कि मामले में त्यागी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और वे सीबाआई के आवेदन तथा अतिरिक्त हलफनामे का जवाब देंगे जो एजेंसी ने छह जनवरी को दायर किया था.
हालांकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि पूर्व वायुसेना प्रमुख की जमानत रद्द करने के आग्रह के साथ ही सीबीआई ने दो अन्य सह आरोपियों संजीव त्यागी उर्फ जूली तथा वकील गौतम खेतान को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ भी अलग से आवेदन दायर किए हैं.
त्यागी की जमानत को चुनौती देने वाली एजेंसी ने न्यायमूर्ति आईएस मेहता के समक्ष दावा किया कि यह एक गंभीर मामला है और आरोपी उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में विलंब की कोशिश कर रहा है. मामले में संलिप्त कई अन्य लोग चाहते हैं कि वह जेल से बाहर रहे.
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, ‘‘यह एक गंभीर मामला है जो देश को शर्मसार करता है. आरोपी (त्यागी) जिस आधार पर जमानत पर जेल से बाहर है, वह जमानत आदेश में देख सकते हैं. वह एक आदेश के आधार पर जेल से बाहर है जो अवैध है. निचली अदालत का आदेश साक्ष्य के विपरीत है.’’
त्यागी के वकील ने अभिवेदनों का विरोध करते हुए दावा किया कि मामले में त्यागी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और वे सीबाआई के आवेदन तथा अतिरिक्त हलफनामे का जवाब देंगे जो एजेंसी ने छह जनवरी को दायर किया था.
हालांकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि पूर्व वायुसेना प्रमुख की जमानत रद्द करने के आग्रह के साथ ही सीबीआई ने दो अन्य सह आरोपियों संजीव त्यागी उर्फ जूली तथा वकील गौतम खेतान को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ भी अलग से आवेदन दायर किए हैं.
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