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This Article is From Dec 24, 2017

चारा घोटाला की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी ने कहा मामला तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचा

दो दशक से भी पुराने मामले को याद करते हुए कौमुदी ने कहा कि पटना स्थित सीबीआई अदालत को ट्रक भर दस्तावेजों की प्रति सौंपी गई थी .

चारा घोटाला की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी ने कहा मामला तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचा
लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
21 साल पहले हुआ था चारा घोटाला.
अधिकारी ने कहा कि मामला तार्किक निष्कर्ष तक पहुंच गया.
कहा, पटना स्थित सीबीआई अदालत को ट्रक भर दस्तावेजों की प्रति सौंपी गई थी.
अमरावती: 21 साल पहले हुआ चारा घोटाला, स्वतन्त्र भारत के बिहार प्रान्त का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिए गए थे. आज इसी मामले पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और 15 अन्य को चारा घोटाले के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आंध्र प्रदेश कैडर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामला तार्किक निष्कर्ष तक पहुंच गया. दरअसल, उन्होंने मामले की जांच की थी. यह मामला 21 साल पहले उजागर हुआ था. उस वक्त अपने गृह राज्य बिहार में प्रतिनियुक्ति पर तैनात वरूण सिंधु के. कौमुदी ने पशुपालन घोटाला इकाई, पटना के सीबीआई पुलिस अधीक्षक होने के नाते मामले की करीबी निगरानी की थी और मामले में आरोपपत्र भी दाखिल किया था.

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दो दशक से भी पुराने मामले को याद करते हुए कौमुदी ने कहा कि पटना स्थित सीबीआई अदालत को ट्रक भर दस्तावेजों की प्रति सौंपी गई थी .

उन्होंने बताया, ‘मुझे इससे जुड़े एक अन्य मामले में लालू प्रसाद को गिरफ्तार करने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था.’ उन्होंने खुशी जताई कि मामला इतने साल बाद तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचा. वह फिलहाल नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं.

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(इनपुट भाषा से)

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