नई दिल्ली:
पड़ोसी द्वारा कथिततौर पर चार दिन तक बंधक बनाई गई और इस दौरान बलात्कार की शिकार हुई पांच वर्षीय बच्ची जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। उसके शरीर में कुछ बाहरी वस्तुएं पाई गई हैं जिस कारण शरीर में संक्रमण फैल गया है। बच्ची को बेहतर इलाज के लिए एम्स में भर्ती करवाया गया है। इस मामले में गृहमंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।
पूर्वी दिल्ली के डीसीपी प्रभाकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घटना पर पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसीपी अहलावत को निलंबित कर दिया गया है। इलाके के एसएचओ और आईओ को भी निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विजिलेंस ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है। प्रभाकर ने यह भी बताया कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्रभाकर ने बताया कि आरोपी किराएदार था और पुलिस ने 15 तारीख को ही अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया था। जांच टीमें 17 तारीख से ही इसकी जांच में लगी हुई हैं। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पहचान बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले मनोज के तौर पर हुई जिसने आठ दिन पहले ही गांधी नगर में किराये पर कमरा लिया था।
बच्ची के बारे में अस्पताल के चिकित्सक डॉ आरके बसंल ने बताया कि अगले 24 से 48 घंटे बच्ची के लिए गंभीर होंगे। साथ ही उसके निजी अंगों, सीने, होंठ और गालों पर घाव हैं। उन्होंने बताया कि उसकी गर्दन पर भी निशान हैं, जिससे पता चलता है कि आरोपियों ने उसका गला दबाने की कोशिश की।
चिकित्सक ने बताया, वह पूरी तरह होश में नहीं थी और डरी हुई थी। उसने शुरुआत में हमें जांच नहीं करने दी, क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा था। उसे बुखार भी था और दवाइयां देने के बाद उसके शरीर का तामपान सामान्य हो गया। हालांकि उसे दोबारा बुखार आ गया और हमने पाया कि उसे संक्रमण है। डॉ- बंसल ने बताया, अनस्थीसिया देने के बाद कुछ और परीक्षण किए गए और हमने पाया कि उसके शरीर में कुछ बाहरी वस्तुएं जैसे मोमबत्ती और बालों में लगाए जाने वाले तेल की 200 मिलीलीटर की शीशी पाई गई। बंसल ने बताया कि चिकित्सकों के सामने आया यह सबसे वीभत्स मामला है।
इस घटना से आक्रोशित लोगों ने उस अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें बच्ची को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। आप के नेता मनीष सिसोदिया और गोपाल राय ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को लिखे पत्र में दावा किया कि यह वाकया प्रशासन के आम जनता के प्रति ‘‘अमानवीय व्यवहार’’ को दर्शाता है।
इसके साथ ही बीजेपी नेता विजय गोयल के साथ आए करीब सौ समर्थकों ने भी अस्पताल के बाहर शीला दीक्षित के खिलाफ नारेबाजी की। अस्पताल एक साइलेंट जोन है फिर राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर हंगामा किया।
बच्ची के पिता ने बताया कि जब बच्ची को पड़ोसी के घर में जख्मी हालत में पाया गया, तो पुलिस ने उन्हें चुप रहने के लिए दो हजार रुपये देने की बात कहते हुए कहा, शुक्र है बच्ची जिंदा तो है।
यह घटना गांधीनगर की है, जहां आरोपी ने कथित तौर पर इस बच्ची को चार दिन तक बंधक बनाकर रखा और इस दौरान उससे बलात्कार किया, जिससे बच्ची के गुप्तांग में गंभीर चोटें आईं। बच्ची के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज करने में ना नुकुर की और बच्ची को ढूंढने में भी देरी की।
पुलिस उस फरार पड़ोसी को ढूंढने में जुटी है, जो गांधीनगर में उसी मकान के भूतल पर रहता था, जहां बच्ची अपने परिवार के साथ रहती थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब बच्ची को फ्लैट से बरामद किया गया, उसकी हालत बेहद नाजुक थी।
बच्ची की मां ने कहा कि पीड़िता जब बाहर खेलने गई थी तभी उसे अगवा कर लिया गया था। उन्होंने कहा, उस व्यक्ति ने बच्ची को कमरे में ताले में बंद कर दिया और उससे बलात्कार किया। मुझे सरकार से न्याय चाहिए। बच्ची के एक रिश्तेदार ने बताया कि जब वह मामले के बारे में जानकारी लेने पुलिस थाने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि वह उसकी बेहतरी के लिए प्रार्थना करें क्योंकि उसे छुड़ा लिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इन आरोपों को नकारते हुये कहा कि उन्होंने बच्ची को उसी इमारत से पाया जहां वह रह रही थी और पीड़िता को तुरंत अस्पताल ले गए। साथ ही जैसे ही उनकी नजर में यह मामला आया उन्होंने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। शुक्रवार की शाम पुलिस ने बलात्कार और हत्या का प्रयास करने का मामला भी दर्ज कर लिया है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
पूर्वी दिल्ली के डीसीपी प्रभाकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घटना पर पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसीपी अहलावत को निलंबित कर दिया गया है। इलाके के एसएचओ और आईओ को भी निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विजिलेंस ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है। प्रभाकर ने यह भी बताया कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्रभाकर ने बताया कि आरोपी किराएदार था और पुलिस ने 15 तारीख को ही अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया था। जांच टीमें 17 तारीख से ही इसकी जांच में लगी हुई हैं। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पहचान बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले मनोज के तौर पर हुई जिसने आठ दिन पहले ही गांधी नगर में किराये पर कमरा लिया था।
बच्ची के बारे में अस्पताल के चिकित्सक डॉ आरके बसंल ने बताया कि अगले 24 से 48 घंटे बच्ची के लिए गंभीर होंगे। साथ ही उसके निजी अंगों, सीने, होंठ और गालों पर घाव हैं। उन्होंने बताया कि उसकी गर्दन पर भी निशान हैं, जिससे पता चलता है कि आरोपियों ने उसका गला दबाने की कोशिश की।
चिकित्सक ने बताया, वह पूरी तरह होश में नहीं थी और डरी हुई थी। उसने शुरुआत में हमें जांच नहीं करने दी, क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा था। उसे बुखार भी था और दवाइयां देने के बाद उसके शरीर का तामपान सामान्य हो गया। हालांकि उसे दोबारा बुखार आ गया और हमने पाया कि उसे संक्रमण है। डॉ- बंसल ने बताया, अनस्थीसिया देने के बाद कुछ और परीक्षण किए गए और हमने पाया कि उसके शरीर में कुछ बाहरी वस्तुएं जैसे मोमबत्ती और बालों में लगाए जाने वाले तेल की 200 मिलीलीटर की शीशी पाई गई। बंसल ने बताया कि चिकित्सकों के सामने आया यह सबसे वीभत्स मामला है।
इस घटना से आक्रोशित लोगों ने उस अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें बच्ची को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। आप के नेता मनीष सिसोदिया और गोपाल राय ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को लिखे पत्र में दावा किया कि यह वाकया प्रशासन के आम जनता के प्रति ‘‘अमानवीय व्यवहार’’ को दर्शाता है।
इसके साथ ही बीजेपी नेता विजय गोयल के साथ आए करीब सौ समर्थकों ने भी अस्पताल के बाहर शीला दीक्षित के खिलाफ नारेबाजी की। अस्पताल एक साइलेंट जोन है फिर राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर हंगामा किया।
बच्ची के पिता ने बताया कि जब बच्ची को पड़ोसी के घर में जख्मी हालत में पाया गया, तो पुलिस ने उन्हें चुप रहने के लिए दो हजार रुपये देने की बात कहते हुए कहा, शुक्र है बच्ची जिंदा तो है।
यह घटना गांधीनगर की है, जहां आरोपी ने कथित तौर पर इस बच्ची को चार दिन तक बंधक बनाकर रखा और इस दौरान उससे बलात्कार किया, जिससे बच्ची के गुप्तांग में गंभीर चोटें आईं। बच्ची के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज करने में ना नुकुर की और बच्ची को ढूंढने में भी देरी की।
पुलिस उस फरार पड़ोसी को ढूंढने में जुटी है, जो गांधीनगर में उसी मकान के भूतल पर रहता था, जहां बच्ची अपने परिवार के साथ रहती थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब बच्ची को फ्लैट से बरामद किया गया, उसकी हालत बेहद नाजुक थी।
बच्ची की मां ने कहा कि पीड़िता जब बाहर खेलने गई थी तभी उसे अगवा कर लिया गया था। उन्होंने कहा, उस व्यक्ति ने बच्ची को कमरे में ताले में बंद कर दिया और उससे बलात्कार किया। मुझे सरकार से न्याय चाहिए। बच्ची के एक रिश्तेदार ने बताया कि जब वह मामले के बारे में जानकारी लेने पुलिस थाने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि वह उसकी बेहतरी के लिए प्रार्थना करें क्योंकि उसे छुड़ा लिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इन आरोपों को नकारते हुये कहा कि उन्होंने बच्ची को उसी इमारत से पाया जहां वह रह रही थी और पीड़िता को तुरंत अस्पताल ले गए। साथ ही जैसे ही उनकी नजर में यह मामला आया उन्होंने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। शुक्रवार की शाम पुलिस ने बलात्कार और हत्या का प्रयास करने का मामला भी दर्ज कर लिया है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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