नई दिल्ली:
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के वाशिंग यार्ड में खड़ी सियालदाह राजधानी के चार डिब्बे जलकर खाक हो गए। आग इतनी तेजी से फैली कि इसके पीछे खड़ी भुवनेश्वर राजधानी के डिब्बों में भी आग फैल गई। इसके भी दो डिब्बे जल गए।
गनीमत ये रही कि जैसी ही डिब्बों में आग लगी वहां मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने जलते डिब्बों को ट्रेन से अलग कर दिया। वरना पूरी ट्रेन जलकर खाक हो जाती है। आग सुबह करीब 11.30 बजे लगी जब ये दोनों राजधानी वाशिंग यार्ड पर खड़ी थी। इनकी साफ-सफाई का काम शुरू होने से पहले ही अचानक सियालदाह राजधानी के डिब्बे जलने लगे।
करीब 12 बजे फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां पहुंची और दो घंटे में आग पर काबू पाया गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारी आग लगने के तीन कारणों पर विचार कर रहे हैं। पहला जहां बोगी खड़ी थी उसी के नीचे डीजल आपूर्ति करने का एक पाइप गया है।
फायर ब्रिगेड के अधिकारियों का कहना है कि जितनी तेजी से आग लगी है उससे इस बात की आशंका ज्यादा है कि डीजल पाइप लाइन से लीकेज हुआ है और इसी के चलते आग लगी हो क्योंकि राजधानी की सभी बोगियां एसी थीं और चारो तरफ से लॉक थी। दूसरा कारण सियालदाह राजधानी में पैंट्री की बोगी है। तीसरा कारण किसी ने जानबूझकर आग लगाई हो सकती है।
देशभर में अलग-अलग रेलवे यार्ड में खड़ी बोगियों में आग लगने का ये तीसरा मामला है। इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। लेकिन रेलवे में राजधानी की एक कोच करीब 2 से ढाई करोड़ में बनकर तैयार होती है ऐसे में 12 करोड़ की चपत रेलवे को जरूर लग गई।
गनीमत ये रही कि जैसी ही डिब्बों में आग लगी वहां मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने जलते डिब्बों को ट्रेन से अलग कर दिया। वरना पूरी ट्रेन जलकर खाक हो जाती है। आग सुबह करीब 11.30 बजे लगी जब ये दोनों राजधानी वाशिंग यार्ड पर खड़ी थी। इनकी साफ-सफाई का काम शुरू होने से पहले ही अचानक सियालदाह राजधानी के डिब्बे जलने लगे।
करीब 12 बजे फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां पहुंची और दो घंटे में आग पर काबू पाया गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारी आग लगने के तीन कारणों पर विचार कर रहे हैं। पहला जहां बोगी खड़ी थी उसी के नीचे डीजल आपूर्ति करने का एक पाइप गया है।
फायर ब्रिगेड के अधिकारियों का कहना है कि जितनी तेजी से आग लगी है उससे इस बात की आशंका ज्यादा है कि डीजल पाइप लाइन से लीकेज हुआ है और इसी के चलते आग लगी हो क्योंकि राजधानी की सभी बोगियां एसी थीं और चारो तरफ से लॉक थी। दूसरा कारण सियालदाह राजधानी में पैंट्री की बोगी है। तीसरा कारण किसी ने जानबूझकर आग लगाई हो सकती है।
देशभर में अलग-अलग रेलवे यार्ड में खड़ी बोगियों में आग लगने का ये तीसरा मामला है। इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। लेकिन रेलवे में राजधानी की एक कोच करीब 2 से ढाई करोड़ में बनकर तैयार होती है ऐसे में 12 करोड़ की चपत रेलवे को जरूर लग गई।
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