पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक में जारी संकट पर वित्त मंत्री ने गुरुवार को चुप्पी तोड़ी. खाताधारकों की चिंताओं पर पूछे गए सवाल पर कहा कि आरबीआई इस मामले को देख रही है और सरकार इस मामले में फिलहाल दखल नहीं करेगी. मौका था निजी बैंकों के बड़े अफसरों के साथ बैठक का. वित्त मंत्री ने बैठक के बाद साफ़ किया कि बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी का कोई संकट नहीं है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि खपत बढ़ने और बैंकों की ऋण गतिविधियां तेज होने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ सकती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात के बाद वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र के बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के साथ बैठक की. बैठक में त्योहारों के इस मौसम में निजी बैंकों और एनबीएफसी से कहा गया कि वे लेंडिंग बढ़ाएं और अगले महीने सरकारी बैंकों के साथ 400 ज़िलों में बैंकों और उपभोक्ताओं को जोड़ने के सरकार के आउटरीच प्रोग्राम में भाग लें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वे (बैंक) नकदी की समस्या का सामना नहीं कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि कर्ज के लिए अच्छी - खासी मांग है. वित्त मंत्री ने कहा कि "कुल मिलाकर, यह बैठक अच्छी और मजबूती देने वाली रही, जिसमें मैंने अच्छी और सकारात्मक चीजें सुनीं. " उन्होंने कहा कि " मुझे संदेश मिला है कि खपत बढ़ रही है."
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सीतारमण ने संकेत दिया कि आर्थिक सुस्ती लगता है कि अब समाप्ति पर है और आगामी त्योहारी मौसम से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि निजी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों ने उन्हें बताया कि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में गिरावट "चक्रीय" कारणों से है और अगली एक या दो तिमाहियों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है. यात्री वाहन क्षेत्र में सुस्ती को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें खरीदारों में बनी धारणा से यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है. भविष्य में इसमें सुधार होगा.
अब देखना होगा कि त्योहारों के मौसम में बाजार में हालात सुधारने में यह पहल कितनी कारगर साबित होती है.
VIDEO : पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक के खाताधारक परेशान
(इनपुट भाषा से भी)
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